GSM का मतलब ग्रेडेड सर्विलांस मेजर है। GSM (ग्रेडेड सर्विलांस मेजर) एक निगरानी प्रणाली है, जिसे भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा (जैसे NSE और BSE) द्वारा असामान्य प्राइस और वॉल्यूम मूवमेंट वाली सिक्योरिटीज की निगरानी और रेगुलेशन के लिए उपयोग किया जाने वाला एक स्ट्रक्चर है। इसका मुख्य उद्देश्य स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा निवेशकों को अत्यधिक वोलैटिलिटी और संभावित बाजार हेरफेर से बचाना है।
High price-to-earnings ratio, कम मार्केट केपीटलाइजेशन और असामान्य price और क्वांटिटी मूवमेंट जैसे मानदंडों के आधार पर स्टॉक को GSM के तहत रखा जाता है। GSM में स्पैक्यूलेशन को रोकने और सुरक्षा के लिए बढ़े हुए मार्जिन, कम प्राइस बैंड और ट्रेड-टू-ट्रेड सेटलमेंट सहित सख्त नियम शामिल हैं।
GSM स्टॉक क्या होते हैं ? – what are gsm stocks in Hindi
GSM लिस्ट भारत में स्टॉक एक्सचेंजों (NSE और BSE) द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रूपरेखा है, जिसका उपयोग असामान्य प्राइस या क्वांटिटी में उतार-चढ़ाव प्रदर्शित करने वाली stocks की पहचान करने और उनकी निगरानी करने के लिए किया जाता है।
ऐसे स्टॉक जो विशिष्ट मानदंडों को पूरा करते हैं, जैसे कि High price-to-earnings ratio, कम मार्केट केपीटलाइजेशन, या असामान्य प्राइस और क्वांटिटी में उतार-चढ़ाव, निगरानी के तहत रखे जाते हैं।
GSM full form in share market In Hindi – GSM का फुल फॉर्म
शेयर मार्केट में जीएम का फुल फॉर्म GSM (ग्रेडेड सर्विलांस मेजर) होते हैं GSM का मतलब ग्रेडेड सर्विलांस मेजर है। यह भारत में स्टॉक एक्सचेंजों (जैसे NSE और BSE) द्वारा असामान्य प्राइस और वॉल्यूम मूवमेंट वाली सिक्योरिटीज की निगरानी और रेगुलेशन के लिए उपयोग किया जाने वाला एक ढांचा है।
GSM (ग्रेडेड सर्विलांस मेजर) के कारण पढ़ने वाले स्टॉक पर प्रभाव
GSM लिस्ट में शामिल होने से स्टॉक पर कई प्रभाव पड़ सकते हैं:
बढ़ी हुई मार्जिन आवश्यकताएँ:
निवेशकों को इन स्टॉक का ट्रेडिंग करने के लिए उच्च मार्जिन जमा करने की आवश्यकता हो सकती है, जिससे संभावित रूप से लिक्विडिटी और ट्रेडिंग वॉल्यूम कम हो सकता है।
प्राइस बैंड रिस्ट्रिक्शन:
एक्सचेंज दैनिक प्राइस बैंड (Upper and lower circuit limits) को कम कर सकता है, जिससे एकल ट्रेडिंग सत्र में स्टॉक के संभावित प्राइस मूवमेंट को लिमिटेड किया जा सकता है।
ट्रेडिंग रिस्ट्रिक्शन:
कुछ मामलों में, GSM स्टॉक के लिए इंट्राडे ट्रेडिंग (स्क्वायर-ऑफ) या शॉर्ट सेलिंग निषिद्ध या रिस्ट्रिक्शनित हो सकती है।
अतिरिक्त निगरानी:
एक्सचेंज ट्रेडिंग गतिविधि पर बारीकी से नज़र रखेगा और किसी भी संदिग्ध या हेरफेर करने वाली प्रथाओं की जांच कर सकता है।
निवेशक सावधानी:
GSM लिस्ट में शामिल होने से निवेशकों को स्टॉक से जुड़े संभावित रिस्क, जैसे High वोलैटिलिटी, स्पैक्यूलेशन ट्रेडिंग या खराब बेसिक फंडामेंटल्स के बारे में चेतावनी मिलती है।
कुल मिलाकर, GSM लिस्ट में शामिल होने से लिक्विडिटी कम हो सकती है, ट्रेडिंग लागत बढ़ सकती है और नियामकों की ओर से अधिक जांच हो सकती है। यह स्टॉक की कीमत और ट्रेडिंग गतिविधि पर नेगेटिव प्रभाव डाल सकता है, जिससे यह निवेशकों के लिए कम आकर्षक हो जाता है। निवेशकों के लिए किसी भी स्टॉक में निवेश करने से पहले सावधानी बरतना और गहन शोध करना महत्वपूर्ण है, खासकर GSM लिस्ट में शामिल स्टॉक में।
GSM के 4 स्टेज – gsm stage means in hindi
स्टेज 1 (T1): – GSM stage 1 means in hindi
यह GSM का प्रारंभिक स्टेज है, जहां असामान्य प्राइस या वॉल्यूम मूवमेंट जैसे कारकों के कारण सिक्योरिटीज को निगरानी में रखा जाता है। इस स्टेज में रिस्ट्रिक्शन अपेक्षाकृत हल्के होते हैं, और इसमें अतिरिक्त मार्जिन आवश्यकताएं या इंट्राडे ट्रेडिंग सीमाएं शामिल हो सकती हैं।
स्टेज 2 (T2): – GSM stage 2 means in hindi
यदि चिंताएं बनी रहती हैं या बढ़ती हैं, तो सिक्योरिटीज को स्टेज 2 में ले जाया जा सकता है, जिसमें सख्त निगरानी और अतिरिक्त रिस्ट्रिक्शन शामिल हैं। इनमें मार्जिन आवश्यकताओं में और वृद्धि, ट्रेडिंग सीमाओं में कमी और कम ट्रेडिंग घंटे शामिल हो सकते हैं।
स्टेज 3 (T3): – GSM stage 3 means in hindi
यह स्टेज रिस्क के हाई लेवल का प्रतिनिधित्व करता है, और सिक्योरिटीज और भी अधिक कठोर निगरानी और रिस्ट्रिक्शनों के अधीन होती हैं। ट्रेडिंग को और कम किया जा सकता है, और निवेशकों को अतिरिक्त जांच का सामना करना पड़ सकता है।
स्टेज 4 (T4): – GSM stage 4 means in hindi
यह GSM का सबसे गंभीर स्टेज है, जो उच्चतम रिस्क प्रोफ़ाइल वाली सिक्योरिटीज के लिए आरक्षित है। ट्रेडिंग रिस्ट्रिक्शन अपने चरम पर हैं, और निवेशकों को अत्यधिक सावधानी बरतने की दृढ़ता से सलाह दी जाती है।
शेयर बाजार में GSM कैटिगरी क्या है?
GSM (ग्रेडेड सर्विलांस मेजर) शेयर बाजार में एक कैटिगरी है जिसका उपयोग स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा उच्च वोलैटिलिटी, असामान्य प्राइस मूवमेंट या अन्य रिस्क कारकों को प्रदर्शित करने वाली सिक्योरिटीज की निगरानी और रेगुलेशन के लिए किया जाता है। निवेशकों को संभावित रिस्कों के बारे में सचेत करने और अत्यधिक सट्टेबाजी को रोकने के लिए सिक्योरिटीज को GSM के अंतर्गत रखा जाता है।