T+0 Settlement क्या है ? – T+0 settlement in hindi

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T + 0 settlement meaning in Hindi – सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (SEBI) 28 मार्च से T+0 ट्रेडिंग सेटेलमेंट सिस्टम शुरू करने के लिए तैयार है, सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (सेबी) अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने सोमवार को कहा। रेगुलेटर ने इसे वैकल्पिक आधार पर T+0 सेटेलमेंट सिस्टम शुरू करने का फैसला किया है।

भारतीय शेयर बाजार में वर्तमान समय में T+1 सेटेलमेंट सिस्टम चल रहा है। नई व्यवस्था के तहत दोपहर 1:30 बजे तक किए गए सौदों का निपटान उसी दिन किया जाएगा। इसका मतलब यह है कि लेनदेन तुरंत निवेशकों के खातों में दिखाई देगा।

T+0 settlement in hindi

t+0 settlement क्या है ? – T+0 settlement in Hindi 

मुंबई भारतीय शेयर बाजार में 28 मार्च, 2024 से ट्रेडिंग करने पर ट्रेडिंग वाले दिन ही निवेशकों के डीमैट अकाउंट में शेयर और पैसे ट्रांसफर हो जाएंगे। बाजार नियामक सेबी की chairperson माधवी पुरी बुच ने कहा कि भारतीय बाजार में 28 मार्च से T+0 settlement साइकिल की शुरुआत होगी।

 शुरुआत में यह वैकल्पिक होगा, यानी कंपनियां T+0 या T-1 में से कोई भी settlement चुन सकेंगी। T+0 settlement में जिस दिन शेयर की खरीद-बिक्री के ऑर्डर दिए जाएंगे, उसी दिन इन सौदों का निपटारा भी कर दिया जाएगा।

सेबी चेयरपर्सन ने Smallcap valuations काफी बढ़ जाने पर भी चिंता जताई और कहा कि स्मॉल कैप फंड्स के लिए नए नियम बनाए जा सकते हैं। अभी स्मॉल कैप फंड्स के लिए 65% निवेश स्मॉल कैप कंपनियों में करना अनिवार्य है। इस नियम में बदलाव हो सकता है।

 बुच ने कहा, कई कंपनियों और सेगमेंट्स की दोबारा रेटिंग हो रही है। लेकिन, कई ऐसे स्मॉलकैप कंपनियां है। 

T+0 settlement कैसे होगा लागू?

T+0 settlement की व्यवस्था अभी बाजार पूंजीकरण (Market Cap) के लिहाज से टॉप 500 कंपनियों में ही उपलब्ध कराई जाएगी।

टॉप 500 में शामिल सबसे कम बाजार पूंजी वाली 200 कंपनियां सबसे पहले इसे लागू करेगी।

 दूसरे चरण में ज्यादा Market Cap वाले 200 और अंत में टॉप 100 कंपनियां इसे लागू करेगी।

तत्काल निपटारा ट्रेड साइकिल 2025 तक पूरा हो जाएगा। इसके पूरा हो जाने के बाद से जैसे ही शेयरों की खरीद-बिक्री होगी, वैसे ही उसका settlement हो जाएगा।

एसएमई के लिए डिस्क्लेमर सख्त हुए

 

सेबी को छोटे और मध्यम उद्यम सेगमेंट को IPO में शेयर की कीमतों में हेराफेरी के संकेत मिले हैं। बुच ने कहा, IPO के लिए नियमों को आसान रखा गया है, ताकि छोटी कंपनियों को बाजार से फंड हासिल करने में आसानी हो। लेकिन फीडबैक मिले हैं कि

कुछ कंपनियां इस फ्रेमवर्क का गलत फायदा उठा रही हैं। SME मार्केट के लिए निगरानी के अतिरिक्त कदमों को लागू कर दिया गया है। IPO में कीमतों पर गलत तरीके से असर डालने के लिए धोखेबाजी के मामलों की जांच जारी है।

एसएमई IPO लॉन्च करने वाली कंपनियों के प्रमोटरों ऑपरेटर के साथ

मिलकर आइपीओ के लिए आवेदन करने वाले ऐसे लोगों की तलाश करते हैं, जो अपने ऐप्लिकेशन बेचने को इच्छुक है। उन्हें खास डील के तहत इसकी भरपाई की जाती है। गड़बड़ी करने वाले आवेदनों को इस तरह से पेश किया जाता है जिससे यह खारिज हो जाए। इससे subscription बढ़ाने और ज्यादा रिटेल इनवेस्टर्स को आकर्षित करने का मकसद पूरा हो जाता है।

15 को आएगा स्ट्रेस टेस्ट का रिजल्ट

सेबी ने हाल ही में म्यूचुअल फंडों को स्मॉलकैप-मिडकैप फंडों के निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए पॉलिसी बनाने को कहा था। फंड हाउसेस को 15 दिन में एक बार स्ट्रेस टेस्ट का रिजल्ट जमा करने को कहा गया है, जो 15 मार्च को पब्लिश होगा। स्ट्रेस टेस्ट में यह परखा गया है कि किसी फंड में कितनी लिक्विडिटी है और कितनी जल्दी निवेशक किसी स्कीम से पैसे निकाल सकते हैं

 

क्‍या हर ट्रेड T+0 के ह‍िसाब से सेटल होगा?


भारतीय सिक्योरिटी एक्सेस बोर्ड आफ इंडिया अर्थात सेबी को उम्मीद है किइस नए सिस्टम से भारतीय शेयर मार्केट में तेजी देखने को मिलेगी और लेनदेन काफी तेज हो जाएगा लेकिन हर ट्रेड T+0 के हिसाब से सेटल होगा 

यह नया सेटेलमेंट सिस्टम वैकल्पिक होगा T+0 क्योंकि इसके मुकाबले पुराना वाला settlement system भी चलता आ रहा है आप अपनी पसंद के अनुसार T+1 या T+0 सेटलमेंट प्रोसेस को स‍िलेक्‍ट कर सकते हैं.

 

T+0 नए स‍िस्‍टम की चुनौत‍ियां?


T+0 सरल में सिस्टम को पूरी तरह से लागू करने में काफी सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. इस संपूर्ण रूप से लागू करने के लिए पूरे इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव करना होगा. शायद तक यह नया settlement system काफी खर्चीला हो सकता है और नए निवेशकों को मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है. 

उन्हें अपने पेमेंट को जल्दी से निपटाना होगा ताकि समय पर लेन-देन हो सके. इस स‍िस्‍टम के लागू होने के बाद शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव ज्यादा होने की उम्‍मीद है. खासकर तब जब बहुत ज्यादा लेन-देन हो रहा हो.

 

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