स्विंग ट्रेडिंग क्या है? स्विंग ट्रेडिंग कैसे करें, स्टॉक चुनाव कैसे करें ,स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटजी – Swing trading in hindi

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What is swing trading in Hindi – स्विंग ट्रेडिंग ट्रेडिंग का एक अन्य तरीका है इस ट्रेडिंग में कोई भी ट्रेड किसी स्टॉक से इंडेक्स को कुछ अवधि के लिए पोजीशन बनाकर रखते हैं, जो कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक हो सकता है। इसी समय के दौरान उसे स्टॉक या इंडेक्स की कीमत में होने वाले उतार-चढ़ाव और मार्केट रुझान के द्वारा अपना मुनाफा बनाने की कोशिश करते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग से बिल्कुल अलग है, इंट्राडे ट्रेडिंग में जहां पोजीशन एक ही दिन में खोली और बंद की जाती हैं जबकि स्विंग ट्रेडिंग में और दीर्घकालिक निवेश से, जहां कोई संपत्ति या स्टॉक से इंडेक्स लंबे समय तक होल्ड किया जाता है।

भारतीय शेयर मार्केट में स्विंग ट्रेडिंग की एक बहुत ही अन्य अलग और काफी अच्छी ट्रेडिंग प्रक्रिया है जिसमें लोग आज के समय काफी अच्छा पैसा बना रहे हैं स्विंग ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग से काफी अलग है।

आज के समय लोग स्विंग ट्रेडिंग सीखना चाहते हैं और स्विंग ट्रेडिंग के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं अगर आप भी स्विंग ट्रेडिंग क्या है? What is swing trading in Hindi , स्विंग ट्रेडिंग का मतलब क्या है? Swing trading meaning in Hindi , Swing trading कैसे किया जाता है ? चलिए विस्तार से जानते हैं 

What is swing trading In Hindi  
What is swing trading In Hindi

विषय सूची

स्विंग ट्रेडिंग क्या है ? What is swing trading In Hindi  

स्विंग ट्रेडिंग शेयर मार्केट(Share market) में ट्रेडिंग के एक अन्य प्रक्रिया है इस ट्रेडिंग(Trading) में कोई भी ट्रेडिंग करने वाला एक इंडेक्स स्टॉक या किसी भी शेयर(Share) को लेकर पोजीशन पढ़ते हैंऔर अपनी पोजीशन को कुछ दिन से लेकर कुछ महीने तक बनाए रखते हैं, इसी समय के दौरानमार्केट में होने वाली हलचल और ट्रेंड चाहे वह अब ट्रेंड हो या डाउन ट्रेंड  हो, के दौरान मुनाफा बनाने की कोशिश करते हैं और काफी लाभ कमाते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग से बिल्कुल अलग है इंट्राडे ट्रेडिंग में जहां अपनी पोजीशन को 1 दिन में शुरू करके एक दिन में ही बंद करनी होती हैजबकि स्विंग ट्रेडिंग मेंअपनी पोजीशन को एक दिन दो दिन या कई महीने या सालों तकपोजीशन होल्ड करके रख सकते हैं। स्विंग ट्रेडिंग में मार्केट रिस्क काफी ज्यादा होता है लिए आपको रिस्क मैनेजमेंट काफी अच्छा करना चाहिए।

स्विंग ट्रेडिंग का मतलब क्या है ? Swing trading meaning in Hindi

 Swing trading  भारतीय शेयर मार्केट में एक बहुत ही फेमस ट्रेडिंग का प्रकार है यह दूसरी सभी ट्रेडिंग की प्रकारों  से बहुत ही अलग है और बहुत ही प्रभावी है इसमें ट्रेडिंग करने वाला अपनी ट्रेडिंग पोजीशन को 1 दिन से लेकर 1 महीने तक बनाए रखना है इसी बीच मेंहोने वाले होता चढ़ाव से लाभ कमाता है।

 

स्विंग ट्रैडिंग कैसे करे? | swing trading kaise kare 

स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए आपको कुछ चरणों का पालन करना होगा जो निम्नलिखित दिए गए हैं – 

अपना डिमैट अकाउंट ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करें

स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए आपको सर्वप्रथम डिमैट अकाउंट(Demat account) ओपन करना होगा और आपको ट्रेडिंग अकाउंट(Trading account) भी इसमें ओपन करवाना होगा | आजकल कई सारी कंपनियां आपको लाइव डेमो अकाउंट देती है जिनकी तरह आप अच्छी प्रैक्टिस कर सकते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग के बारे में विस्तार से समझे 


स्विंग ट्रेडिंग में कीमतों में उतार-चढ़ाव से लाभ कमाने के लक्ष्य के साथ स्टॉक को कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रखना शामिल है। इसके लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस, प्राइस एक्शन को समझना और रिस्क मैनेजमेंट करने की आवश्यकता होती है।

मार्केट को समझना सीखें 

डिमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करने के बाद में आपको मार्केट को समझना होगा की मार्केट किस दिशा में ट्रेंड कर रहा है और किस प्रकार से आपको फायदा दे सकता है।

स्टॉक का चुनाव करें 

मार्केट को समझने के बाद में आपको सही स्टॉक का चुनाव करना है चुने गए स्टॉक में हाई लिक्विडिटी, सेक्टर नेतृत्व और मध्यम अस्थिरता वाले शेयरों पर ध्यान दें। स्टॉक और निफ्टी जैसे प्रमुख सूचकांकों के बीच संबंध पर विचार करें।

टेक्निकल एनालिसिस करना सीखें 

स्विंग ट्रेडिंग में ट्रेडिंग करने के लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस करना आना चाहिए इसलिए आपको एंट्री पॉइंट और एग्जिट प्वाइंट की पहचान करने के लिए चार्ट पैटर्न, संकेतक और अन्य टेक्निकल उपकरण का अध्ययन करना।

रिस्क मैनेजमेंट सीखें 

स्विंग ट्रेडिंग में रिस्क मैनेजमेंट सीखना शुरू करें ट्रेडिंग के दौरान होने वाले संभावित नुकसान को सीमित करने के लिए अलग-अलग स्ट्रेटजी को सीखें। इसमें स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट करना और अपने निवेश में डायवर्सिफिकेशन लाना शामिल हो सकता है।

ट्रेडिंग में ओवर ट्रेडिंग से बचें

स्विंग ट्रेडिंग में आपको ओवर ट्रेडिंग से बचना चाहिए ट्रेडिंग करते समय बार-बार ट्रेडिंग करने के बजाय कुछ चुनिंदा शेयरों पर ध्यान दें उससे ही अपने मुनाफे बनाने की कोशिश करें।

वॉल्यूम बिल्ड-अप की निगरानी करें

स्विंग ट्रेडिंग में  कई दिनों में वॉल्यूम बिल्ड-अप का निरीक्षण अवश्य करें, क्योंकि वॉल्यूम में क्रमिक वृद्धि एक सकारात्मक संकेतक हो सकती है।

अपनी ऐसेट को मॉनिटर करे: 

अपनी ऐसेट को मॉनिटर करते रहें, देखें कि क्या वह आपकी आशा के अनुरूप प्रदर्शन कर पा रहा है या नही। सही समय पर बाहर निकलना बेहतर विकल्प हो सकता है, लाभ के साथ यहाँ कभी-कभी हानि के साथ भी हमें बाहर निकलना पड़ता है।

निरंतर सीखते रहें 

स्विंग ट्रेडिंग में आपको निरंतर सीखने की प्रक्रिया को अपनाना होगा मार्केट की रुझान, समाचार और कंपनी की बुनियादी बातों से अपडेट रहें। अभ्यास और विश्लेषण के माध्यम से अपनी स्ट्रेटजी को अपडेट  करें।

 

स्विंग ट्रेडिंग के फायदे – Swing trading benefits in Hindi

आपके द्वारा प्रदान किया गया पाठ स्विंग ट्रेडिंग के निम्नलिखित लाभों का उल्लेख करता है:

कम समय की प्रतिबद्धता: स्विंग ट्रेडिंग में इंट्राडे ट्रेडिंग की तुलना में कम समय और ध्यान देने की आवश्यकता होती है, क्योंकि पोजीशन कई दिनों या हफ्तों के लिए रखी जाती हैं।

बड़े मुनाफे की संभावना:

 लंबी होल्डिंग अवधि के कारण, स्विंग ट्रेडिंग Traders को इंट्राडे ट्रेडिंग की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण Price movement को पकड़ने की अनुमति देती है।

कम लेन-देन लागत: 

स्विंग ट्रेडिंग में आम तौर पर कम ट्रेड शामिल होते हैं, जिससे इंट्राडे ट्रेडिंग की तुलना में कुल लेनदेन लागत कम हो जाती है।

महत्वपूर्ण लाभ की संभावना: 

कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक कीमतों में उतार-चढ़ाव को पकड़कर, स्विंग ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग की तुलना में बड़े लाभ का अवसर प्रदान कर सकती है।

कम समय की प्रतिबद्धता: 

इंट्राडे ट्रेडिंग की तुलना में, स्विंग ट्रेडिंग में बाजार की निगरानी के लिए कम समय की आवश्यकता होती है, क्योंकि स्थिति लंबी अवधि के लिए रखी जाती है।

बाजार की अस्थिरता का लाभ उठाता है:

 स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटजी यों को बाजार की अस्थिरता का लाभ उठाने के लिए डिज़ाइन किया जा सकता है, जो कुछ बाजार स्थितियों में फायदेमंद हो सकता है।

लचीलापन:

 स्विंग ट्रेडिंग को विभिन्न ट्रेडिंग शैलियों और रिस्क  सहनशीलता के अनुसार अनुकूलित किया जा सकता है, क्योंकि ट्रेडर अलग-अलग होल्डिंग अवधि और अलग-अलग स्ट्रेटजी का चुनाव कर सकते हैं।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि स्विंग ट्रेडिंग में रिस्क  भी होते हैं, जैसे रातोरात और सप्ताहांत बाजार रिस्क । स्विंग ट्रेडिंग में सफलता के लिए उचित रिस्क  प्रबंधन और निरंतर सीखना महत्वपूर्ण है।

 

स्विंग ट्रेडिंग कैसे सीखें – Swing trading Kaise Sikhe  

स्विंग ट्रेडिंग सीखने के लिए आप इन चरणों का पालन कर सकते हैं:

1.स्विंग ट्रेडिंग की मूल बातें समझें: स्विंग ट्रेडिंग में स्टॉक को कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रखना शामिल है, जिसका लक्ष्य कीमतों में उतार-चढ़ाव से लाभ कमाना है। इसके लिए तकनीकी विश्लेषण, मूल्य कार्रवाई समझ और रिस्क  प्रबंधन की आवश्यकता होती है।

2.लिक्विडिटी, सेक्टर लीडरशिप और अस्थिरता पर ध्यान दें: हाई ट्रेडिंग वॉल्यूम, मजबूत फंडामेंटल और मध्यम अस्थिरता वाले स्टॉक चुनें।

3.प्रमुख सूचकांकों के साथ सहसंबंध पर विचार करें: विश्लेषण करें कि स्टॉक का मूल्य आंदोलन निफ्टी जैसे प्रमुख सूचकांकों के साथ कैसे संबंधित है।

4.वॉल्यूम बिल्ड-अप का निरीक्षण करें: कई दिनों में ट्रेडिंग वॉल्यूम में क्रमिक वृद्धि देखें।

5.टेक्निकल एनालिसिस सीखें: प्रवेश और निकास बिंदुओं की पहचान करने के लिए चार्ट पैटर्न, संकेतक और अन्य तकनीकी उपकरणों का अध्ययन करें।

6.रिस्क  प्रबंधन का अभ्यास करें: संभावित नुकसान को सीमित करने के लिए स्ट्रेटजी को लागू करें, जैसे स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट करना।

7.ओवरट्रेडिंग से बचें: बहुत अधिक ट्रेडिंग करने के बजाय कुछ चुनिंदा शेयरों पर ध्यान दें।

8.निरंतर सीखना: बाज़ार के रुझानों से अपडेट रहें और अभ्यास और विश्लेषण के माध्यम से अपनी स्ट्रेटजी को परिष्कृत करें।

 

स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें? –  swing trading ke liye stock kaise chune

स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक चुनने के लिए, आपको कई सारे मापदंडों पर ध्यान केंद्रित करना होगा:

1.लिक्विडिटी : हाई ट्रेडिंग वॉल्यूम वाले स्टॉक चुनें, जो हाई मांग और लिक्विडिटी का संकेत देते हैं। इससे कम मूवमेंट वाले स्टॉक में फंसने से बचने में मदद मिलती है।

2.सेक्टर लीडरशिप : ऐसे स्टॉक चुनें जो अपने-अपने सेक्टर में लीडर हों। इन शेयरों में हेरफेर कम होता है और ये मजबूत बुनियादी सिद्धांतों द्वारा समर्थित होते हैं।

3.अस्थिरता: मध्यम अस्थिरता वाले शेयरों की तलाश करें। बहुत अधिक या बहुत कम अस्थिरता वाले स्टॉक रिस्क  भरे और कम पूर्वानुमानित हो सकते हैं।

4.प्रमुख सूचकांकों के साथ सहसंबंध: स्टॉक और निफ्टी जैसे प्रमुख सूचकांकों के बीच संबंध पर विचार करें। इससे यह समझने में मदद मिलती है कि स्टॉक व्यापक बाज़ार रुझानों से कैसे प्रभावित हो सकता है।

5.बाजार की दिशा: ट्रैड करते समय कुछ ट्रेडर्स मार्केट की स्थिति के अनुसार भी स्टॉक को चुनते हैं इसके लिए कंपनी के स्तिथि, उससे संबधित खबरों पर नजर रखनी चाहिए| कोशिश करे कि बेहतर प्रदर्शन कर रहे स्टॉक को ही चुना जाएI

6.अन्य स्टॉक के साथ तुलना: इसमें स्टॉक की तुलना उसी सेक्टर से संबंधित अन्य स्टॉक के प्रदर्शन के साथ की जाती है ताकि अधिकतम प्रभावशाली या बेहतर प्रदर्शन वाले स्टॉक को चुना जा सके।

7.स्टॉक का ट्रैडिंग पैटर्न: स्टॉक के पुराने ट्रेडिंग पैटर्न को देखकर ही भविष्य के लिए उस स्टॉक के लिए अनुमान लगाए जाते है, अतः जो स्टॉक एक निश्चित उतार-चढ़ाव को दोहराते हो वो अच्छे विक्लप हो सकते है।

 

स्विंग ट्रेडिंग करते समय क्या देखना चाहिए?

सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस 

स्विंग ट्रेडिंग में सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस बहुत ही महत्वपूर्ण  रोल  अदा करते हैं सभी ट्रेडर को कोशिश यही करनी चाहिए कि सपोर्ट के ब्रेकडाउन के बाद हमें शेयर खरीदने चाहिए तथा रजिस्टेंस के  ब्रेक डाउन के बाद हमें शेयर बेच देना चाहिए

News based stock :

Swing trading में  ट्रेडर ऐसे ही कंपनी के स्टॉक्स चुनता है जिस पर भारतीय शेयर बाजार के किसी भी न्यूज़ का बहुत ही ज्यादा प्रभाव पड़ता हो जिस  न्यूज़ की वजह से यह मार्केट ब्रेकआउट देने की तैयारी कर रहा हो या ब्रेकआउट दे चुका हो यह न्यूज़ किसी भी प्रकार की हो सकती है अच्छी भी हो सकती है बेकारी हो सकती है यदि अच्छी हुई तो यह भारतीय शेयर बाजार को ऊपर की ओर ब्रेक आउट करेगा तथा यदि यह न्यूज़ खराब हुई तो यह शेयर बाजार को नीचे की ओर ब्रेकडाउन करेगा

Swing trading technique :

दोस्तों आपको हमेशा  Swing trading  करने के लिए हमेशा  High Liquidity  share को खरीदना चाहिए या  इन्हीं का चुनाव करना चाहिए शेयर मार्केट में  एंट्री और  एग्जिट करने के लिए आपको MACD ADX AND FAST MOVING  AVERAGE KA उपयोग हमेशा करना चाहिए

 

स्विंग ट्रेडिंग कितने दिनों के लिए किया जाता है?

स्विंग ट्रेडिंग में आप एक दिन के लिए भी कर सकते हो 1 महीने के लिए कर सकते हो एक सप्ताह के लिए भी कर सकते हैं इसी बीच में होने वाले उतार-चढ़ाव से आप लाभ कमा सकते हैं, जहां लॉन्ग टर्म निवेशकों को मामूली 25% लाभ कमाने के लिए पांच महीने तक इंतजार करना पड़ सकता है

 

स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटजी | swing trading strategies in hindi

स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटजी विभिन्न बिंदुओं पर निर्भर करता है, जैसे की हाई लिक्विडिटी, मजबूत सेक्टर नेतृत्व और मध्यम अस्थिरता वाले शेयरों को चुनने जैसे महत्वपूर्ण बिंदु है। इसके अतिरिक्त, स्ट्रेटजी स्टॉक और निफ्टी जैसे प्रमुख सूचकांकों के बीच संबंध पर विचार भी महत्वपूर्ण है।

फॉलोइंग ट्रेंड स्ट्रेटजी 

इसमें किसी स्टॉक के समग्र रुझान की पहचान करना और उसी दिशा में व्यापार करना शामिल है। आप एक ऐसा स्टॉक खरीदेंगे जो तेजी की प्रवृत्ति में है और जब इसमें उलटफेर के संकेत दिखें तो बेच देंगे।

मीन रिवर्सन स्ट्रेटजी 

यह स्ट्रेटजी इस विचार पर आधारित है कि स्टॉक की कीमतें समय के साथ अपनी एवरेज प्राइस पर वापस आ जाती हैं। ट्रेंडर ऐसे स्टॉक खरीदते हैं जो उनकी औसत कीमत से नीचे होते हैं और जब वे वापस ऊपर जाते हैं तो बेच देते हैं।

ब्रेकआउट ट्रेडिंग स्ट्रेटजी 

इसमें प्रमुख मूल्य स्तरों (support and resistance) की पहचान करना और जब शेयर की कीमत इन स्तरों से बाहर हो जाती है तो आपको ट्रेडिंग मैं इंटर करना है।

अतिरिक्त मुद्दो पर विचार करना:

टेक्निकल एनालिसिस करना 

 स्विंग ट्रेडर्स संभावित व्यापार अवसरों की पहचान करने के लिए मूविंग एवरेज, रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) और वॉल्यूम जैसे तकनीकी संकेतकों पर बहुत अधिक भरोसा करते हैं।

प्राइस एक्शन 

 यह समझना कि मूल्य कैसे बदलता है और चार्ट पैटर्न को पहचानना स्विंग ट्रेडिंग की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है।

रिस्क मैनेजमेंट 

 आपकी पूंजी की सुरक्षा और नुकसान को कम करने के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर निर्धारित करना और उचित स्थिति का आकार निर्धारित करना आवश्यक है।

ओवरनाइट रिस्क 

स्विंग ट्रेडर्स को रात भर पोजीशन बनाए रखने से जुड़े रिस्क के बारे में जागरूक रहने की आवश्यकता है, क्योंकि समाचार और घटनाएं स्टॉक की कीमतों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती हैं। 

 

कौन सी स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटजी का चुनाव करें 

आपके लिए सबसे अच्छी स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटजी आपकी व्यक्तिगत रिस्क उठाने की क्षमता, ट्रेडिंग शैली और बाजार की स्थितियों पर निर्भर करेगी। विभिन्न स्ट्रेटजी के साथ प्रयोग करना और जो आपके लिए सबसे अच्छा काम करता है उसे ढूंढना आवश्यक है।

याद रखें: स्विंग ट्रेडिंग में रिस्क  शामिल है, और मुनाफे की कोई गारंटी नहीं है। अपना खुद का शोध करना, एक ठोस ट्रेडिंग योजना विकसित करना और अपने रिस्क को प्रभावी ढंग से मैनेज करना महत्वपूर्ण है।

 

क्या स्विंग ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस लगाना जरूरी है?

अगर आप सुरक्षित ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको स्विंग ट्रेडिंग में भी स्टॉप लॉस में प्राइस सेट करके लगा दीजिए

स्विंग ट्रेडिंग के लिए कितनी पूंजी की आवश्यकता होती है?

स्विंग ट्रेडिंग के लिए मिनिमम पूंजी की कोई आवश्यकता नहीं है आप ₹100 ₹200 ₹500 ₹1000 से भी शुरुआत कर सकते हैं

क्या स्विंग ट्रेडिंग आपको अमीर बना सकती है?

हां, स्विंग ट्रेडिंग से आप अमीर बन सकते हैं लेकिनइसमें आपको काफी ज्यादा दिमाग पैसा और स्किल लगानी होती है 

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