ओवर ट्रेडिंग क्या है? ओवर ट्रेडिंग के कारण ,ओवर ट्रेडिंग से कैसे बचे 7 Tips – Over Trading Meaning in Hindi

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शेयर मार्केट में ओवरट्रेडिंग का मतलब स्टॉक की अत्यधिक खरीद या बिक्री होती है, जिससे महत्वपूर्ण फाइनेंशियल नुकसान होता है और, और कमीशन लागत में वृद्धि हो सकती है। ओवर ट्रेडिंग करने के कई सारे कारण हो सकते हैं, जैसे कि नुकसान के बाद रिवेंज लेने के लिए ट्रेडिंग करना या अत्यधिक वोलेटाइल मार्केट  में प्रॉफिट कमाने के चक्कर में ट्रेडिंग करना। ओवर ट्रेडिंग से बचने के लिए: यदि आप लगातार तीन स्टॉप-लॉस का को हिट करने पर आपको ट्रेडिंग छोड़ देनी चाहिए, तो भविष्य में किसी भी संभावित लाभ की परवाह किए बिना, उस दिन के लिए ट्रेडिंग बंद कर दें। 

दोस्तों शेयर मार्केट में सबसे बड़ी प्रॉब्लम होती है ट्रेडिंग करने की गतिविधि और ओवर ट्रेडिंग को लेकर ओवर ट्रेडिंग एक सामान्य से प्रक्रिया होती है जिसमें अक्सर हर कोई नया-नया ट्रेडिंग करने वाला या नया-नया नया-नया इन्वेस्टर फस जाता है जिससे उसे बड़ा नुकसान हो जाता है

 अगर आप भी जानना चाहते हैं कि ओवर ट्रेडिंग क्या होती है? overtrading kya hai, ओवर ट्रेडिंग से किस प्रकार से बच सकते हैं over trading se kaise bache, इसके फायदे और नुकसान क्या क्या है चलिए विस्तार से जानते हैं 

Over Trading Meaning in Hindi

विषय सूची

ओवर ट्रेडिंग क्या है? – over trading meaning in hindi

ओवरट्रेडिंग का मतलब है स्टॉक की अत्यधिक खरीद-फरोख्त, जिससे फाइनेंशियल नुकसान हो सकता है। यह तब होता है जब ट्रेडर लालच, उम्मीद, रिवेंज या उत्साह जैसी भावनाओं के आधार पर आवेगपूर्ण निर्णय लेते हैं, बजाय किसी अच्छी तरह से परिभाषित स्ट्रेटजी का पालन करने के। 

शुरुआती लोग अपने अनुभव की कमी और बाजार को जल्दी से सीखने की इच्छा के कारण ओवरट्रेडिंग के लिए विशेष रूप से अतिसंवेदनशील होते हैं। ओवरट्रेडिंग से बचने के लिए, defined profit targets, स्टॉप-लॉस लिमिट और अधिकतम ट्रेडों के साथ एक स्पष्ट ट्रेडिंग प्लान होना महत्वपूर्ण है। 

पेशेवर ट्रेडिंग और प्रयोग के लिए अलग-अलग डीमैट अकाउंट(Demat account) बनाए रखना भी भावनाओं को मैनेज करने और आवेगपूर्ण निर्णयों को रोकने में मदद कर सकता है। इसके अतिरिक्त, निवेश में डायवर्सिफिकेशन लाने और उच्च रिस्क वाले ट्रेडों से बचने से संभावित नुकसान को कम किया जा सकता है।

 याद रखें, सफल ट्रेडिंग के लिए अनुशासन, धैर्य और एक सुविचारित स्ट्रेटजी की आवश्यकता होती है।

ओवर ट्रेडिंग के कुछ महत्वपूर्ण कारण – overtrading reason in hindi

वीडियो में ओवर ट्रेडिंग के कुछ खास उदाहरण दिए गए हैं:

नुकसान का पीछा करना: 

नुकसान के बाद, ट्रेडर नुकसान की भरपाई करने के लिए दूसरा ट्रेड करता है। इससे नुकसान का चक्र शुरू हो सकता है।

स्टॉप लॉस को नज़रअंदाज़ करना:

 ट्रेडर बार-बार अपने पूर्व निर्धारित स्टॉप लॉस स्तरों को नज़रअंदाज़ करता है, जिससे उसे लगातार नुकसान होता रहता है।

भावनाओं के आधार पर ट्रेडिंग:

लालच, आशा, रिवेंज और उत्साह जैसी भावनाएँ आवेगपूर्ण ट्रेडिंग निर्णय ले सकती हैं। ट्रेडर डर या लालच के आधार पर आवेगपूर्ण निर्णय लेता है, बजाय किसी अच्छी तरह से परिभाषित स्ट्रेटजी के।

लाभ कमाने की कोशिश करना: 

ट्रेडर तब भी ट्रेड करना जारी रखता है, जब बाज़ार अवसर प्रदान नहीं कर रहा होता है, जिससे मजबूरी में और अक्सर लाभहीन ट्रेड होते हैं।

रिवेंज लेने की ट्रेडिंग:

 नुकसान के बाद, ट्रेडर बाज़ार में “वापस पाने” के प्रयास में अत्यधिक रिस्क उठाता है।

अति आत्मविश्वास:

 कुछ सफल ट्रेड के बाद, ट्रेडर अति आत्मविश्वासी हो जाता है और बहुत ज़्यादा रिस्क उठा लेता है।

कोई निर्धारित लाभ लक्ष्य या हानि लक्ष्य नहीं: 

ओवरट्रेडिंग में शामिल ट्रेडर्स के पास अक्सर लाभ लक्ष्य और स्टॉप-लॉस लिमिट सहित स्पष्ट प्लान का अभाव होता है।

बाजार को जल्दी से सीखने की इच्छा: 

शुरुआती लोग अनुभव और ज्ञान को तेज़ी से हासिल करने के प्रयास में ओवरट्रेड कर सकते हैं।

स्पष्ट ट्रेडिंग स्ट्रेटजी का अभाव:

 बिना किसी अच्छी तरह से परिभाषित स्ट्रेटजी के ट्रेडिंग करने से आवेगपूर्ण और अत्यधिक ट्रेड हो सकते हैं।

कम समय-लिमिट पर ट्रेडिंग: 

स्केलिंग, या 1-मिनट की कैंडल जैसी छोटी समय-लिमिट पर ट्रेडिंग करने से ओवरट्रेडिंग की संभावना बढ़ जाती है।

पिछले ट्रेडों का मनोवैज्ञानिक प्रभाव: 

पिछले नुकसानों का भावनात्मक प्रभाव रिवेंज लेने वाली ट्रेडिंग या नुकसान को जल्दी से ठीक करने की कोशिश कर सकता है।

लॉन्ग टर्म में कुल नुकसान: 

लगातार नुकसान का सामना करने वाले ट्रेडर अपनी स्थिति को बदलने के प्रयास में ओवरट्रेडिंग का सहारा ले सकते हैं।

इन कारणों को समझकर, ट्रेडर ओवरट्रेडिंग से बचने के लिए कदम उठा सकते हैं और ट्रेडिंग के लिए अधिक अनुशासित और स्ट्रेटजीक दृष्टिकोण विकसित कर सकते हैं।

over trading se kaise bache – ओवर ट्रेडिंग से कैसे बचे 

Overtrading से बचने के लिए आप ये उपाय अपना सकते हैं:

दो Demat Accounts बनाएं:

 एक Professional Trading के लिए और दूसरा Experiment और सीखने के लिए। इससे आप अपने Emotions और Trading को बेहतर तरीके से Manage कर पाएंगे।

Risk Management: 

हर Trade में Defined Profit Target और Stop-Loss होना ज़रूरी है। Emotions में बहकर Trade ना लें।

Game Switch Option का इस्तेमाल करें: 

ज़रूरत पड़ने पर अपने Zerodha Account में Game Switch Enable कर के कुछ समय के लिए Trading से Break लें।

Strategy बनाएं: 

बिना सोचे समझे Trade ना करें। Market Trend और Analysis के आधार पर Strategy बनाएं और उसी के अनुसार Trade करें।

अपने Emotions पर Control रखें:

 Greed, Revenge, Excitement जैसी भावनाओं में बहकर Overtrading ना करें। Patience रखें और सोच समझकर Trade करें।

Scalping से बचें: 

छोटे Time Frame (जैसे 1 मिनट Candle) पर Trading करने से Overtrading की संभावना बढ़ जाती है।

Diversification: 

अलग-अलग Stocks में Invest करके Risk को कम करें।

इन उपायों को अपनाकर आप Overtrading से बच सकते हैं और अपने Trading को Profitable बना सकते हैं। याद रखें, Trading में Discipline और Patience बहुत ज़रूरी है।

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