Market capital क्या होता है ? मार्केट कैप का अर्थ , गणना कैसे करें – Market cap meaning in Hindi 

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Market capital क्या होता है , Market cap meaning in Hindi – मार्केट केपीटलाइजेशन या बाज़ार पूंजीकरण, या मार्केट कैप, किसी कंपनी के आकार और टोटल वैल्यू का माप है। इसकी गणना कंपनी के Share(शेयर ) की कीमत को बकाया शेयरों की संख्या से गुणा करके की जाती है।

  लार्ज-कैप कंपनियों का मार्केट कैप ₹10,000 करोड़ से अधिक है, मिड-कैप कंपनियों का मार्केट कैप ₹5,000 करोड़ से ₹10,000 करोड़ है, और स्मॉल-कैप कंपनियों का मार्केट कैप ₹5,000 करोड़ से कम है। मार्केट में नए निवेशक आम तौर पर बड़ी-कैप कंपनियों की तलाश करते हैं जब वे स्थिरता और कम जोखिम की तलाश में होते हैं, जबकि मिड-कैप और स्मॉल-कैप कंपनियां उच्च रिटर्न की संभावना के साथ-साथ उच्च जोखिम भी पेश करती हैं।

अगर आप भी Share Market में निवेशकरने में रुचि रखते हैं तो आपने मार्केट केपीटलाइजेशन बाजार पंजीकरण या मार्केट कैप के बारे में तो अवश्य सुना होगा कि भारत की सबसे बड़ी मार्केट केपीटलाइजेशन वाली कंपनी टाटा ग्रुप रिलायंस इंडस्ट्रीज अडानी और दूसरी बड़ी-बड़ी कंपनियां है। तो आपके मन में अवश्य प्रश्न उठा होगा कि Market cap क्या होता है? (What is market capital in Hindi )  मार्केट केपीटलाइजेशन के बारे में आगे पढ़ें और विस्तार से जाने 

Market cap meaning in Hindi 

विषय सूची

market capital क्या होती है – What is market cap in hindi

मार्केट केपीटलाइजेशन या बाजार पंजीकरण, या मार्केट कैप, एक मीट्रिक है जो किसी कंपनी के बकाया शेयरों के कुल मूल्य को दर्शाता है। इसकी गणना कंपनी के शेयर मूल्य को बकाया शेयरों की संख्या से गुणा करके की जाती है। Market cap मार्केट कैप का उपयोग विभिन्न आकारों और उद्योगों की कंपनियों की तुलना करने और समय के साथ कंपनी के प्रदर्शन को ट्रैक करने के लिए किया जाता है।

किसी भी कंपनी के मार्केट कैप का सीधा मतलब उस कंपनी के टोटल मार्केट वैल्यू से होता है वैसे मार्केट कैप कंपनी के मार्केट केपीटलाइजेशन का शॉर्ट फॉर्म होता है  मार्केट केपीटलाइजेशन के बारे में जानने से पता चलता है कि वर्तमान समय में उस कंपनी की वास्तविक कीमत कितनी है अर्थात मार्केट कैप कितना है यह मार्केट क्या है Share(शेयर ) के उतार-चढ़ाव के साथ में ही करता और बढ़ता रहता है। 

 

 

बाज़ार पूंजीकरण का अर्थ – Market cap meaning in Hindi 

Market cap का हिंदी अर्थ बाजार पंजीकरण होता है, मार्केट केपीटलाइजेशन या बाज़ार पूंजीकरण, या मार्केट कैप, किसी कंपनी के आकार और टोटल वैल्यू का माप है। मार्केट केपीटलाइजेशन की गणना कंपनी के Share(शेयर ) की कीमत को बकाया शेयरों की संख्या से गुणा करके की जाती है।

किसी भी कंपनी का मार्केट केपीटलाइजेशन देखने के लिए आपको नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) यह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर मिल सकता है तो आप जाकर देख सकते हैं 

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में निफ्टी 50 का डाटा मिल जाता है औरमुंबई स्टॉक एक्सचेंज पर आपको सेंसेक्स का मार्केट केपीटलाइजेशन देखने को मिलता है

Market capital की गणना कैसे करें – How to calculate market cap 

Market Cap की गणना करने के लिए आपको किसी भी कंपनी के Share(शेयर ) की कीमत को बकाया शेयरों की संख्या से गुणा करके की जाती है  इससे आपको उसकी Actual market capitalisation के बारे में पता चलता है। 

जैसे Reliance company  के शेयर की कीमत ₹200 है  और वह 20000 शेयर जारी करता है तो उसकी Total value  200 * 20000 = 4000000 

 

Market capital calculation formula In Hindi 

Market cap formula in Hindi  = MC = N*P 

Market capitalisation formula in Hindi  में MC =  का मतलब Total market cap  होता है

और N = किसी भी कंपनी के द्वारा जारी किए गए Total shares  की संख्या होती है 

P = यहां पर P  का मतलब किसी भी कंपनी के द्वारा जारी किए गए Total shares  में एक शेयर की कीमत होती है 

मार्केट केपीटलाइजेशन बदलता रहता है जब सुबह 9:30 बजे भारतीय शेयर बाजार खुलता है तब कंपनी के शेयर्स में ट्रेडिंग की प्रक्रिया शुरू हो जाती है जिससे उनकी कैपिटल वैल्यू भी बदलती रहती हैमार्केट केपीटलाइजेशन करंट शेयर प्राइस पर निर्भर करता है। 

 

Market cap में बदलाव कैसे होता है – How to fluctuations in market cap

किसी भी कंपनी का मार्केट कैपिटल ट्रेंड्स के साथ में बदलता रहता है जैसा ट्रेंड ऊपर जाता है तो कंपनी क्या मार्केट कैपिटल की वैल्यू ऊंची हो जाती है अगर ट्रेंड नीचे  की तरफ है तोमार्केट कैपिटल में कमी देखने को मिलती है किसी भी कंपनी के मार्केट कैपिटल में उसे कंपनी के द्वारा जारी किए गए शेयर्स की काफी ज्यादा भूमिका रहती है और मार्केट कैपिटल हर दिन बदलता रहता है

 

Market cap का वर्गीकरण – Market Cap के प्रकार

Market Cap की गणना और किसका मापन समय-समय पर बदलता रहता है और अलग-अलग देश में अलग-अलग प्रकार की गणना की जाती है  जैसे यूएसए और यूरोपियन देशों में Market Cap की गणना अलग-अलग होती है जबकि भारत में मारपीट कैपिटल की योजना अलग-अलग होती है 

मार्केट केपीटलाइजेशन के आधार पर, भारतीय शेयर बाजार में कंपनियों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है: लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप।

  • Large cap company – लार्ज-कैप कंपनियों का बाजार पूंजीकरण ₹10,000 करोड़ से अधिक है।
  • Mid Cape company – मिड-कैप कंपनियों का बाजार पूंजीकरण ₹5,000 करोड़ से ₹10,000 करोड़ है।
  • Small cap company – स्मॉल-कैप कंपनियों का बाजार पूंजीकरण ₹5,000 करोड़ से कम है।

 

किसी कंपनी के बाजार पूंजीकरण का आकार उसके बकाया शेयरों के कुल मूल्य से निर्धारित होता है। संभावित निवेश का मूल्यांकन करते समय कंपनी का बाजार पूंजीकरण एक महत्वपूर्ण कारक है क्योंकि यह कंपनी के आकार, वित्तीय ताकत और विकास क्षमता के बारे में जानकारी प्रदान कर सकता है।

 

Floating Market cap क्या होती  है – What is floating market cap 

कभी भी कोई कंपनी जब अपने शेयर्स जारी करती है तब वह सभी शेयर्स को मार्केट में नहीं उतरती है बल्कि एक बहुत बड़े हिस्से को अपने पास में सुरक्षित रखती है।

कंपनी के द्वारा मार्केट में उतर जाने वाले शेयर्स को फ्लोटिंग शेयर्स कहते हैं फ्लोटिंग शेयर्स की गणना करके निकल गए मार्केट केपीटलाइजेशन को फ्लोटिंग मार्केट कैप कहते हैं।

 

Large market cap क्या होती है – What is large market cap company 

– दोस्तों आज मार्केट कैप को अलग-अलग देशों में अलग-अलग हिसाब से अकाउंट किया जाता है जैसे अमेरिका में और यूरोपियन देशों में लगभग 10 बिलियन डॉलर से अधिक मार्केट कैप वाली कंपनियों को  लार्ज  मार्केट कैप में रखा जाता है 

बड़ी मार्केट केयर कंपनी ऐसी कंपनियां होती हैं जिनका मार्केट केपीटलाइजेशन अर्थात मार्केट कैप वैल्यू ₹10000 करोड़ से ज्यादा का होना चाहिए।

जबकि भारत में सेबी के द्वारा बनाए गए नियमों के अंतर्गत टॉप 100  में  अपनी जगह बनाने वाली कंपनियां लार्ज मार्केट कैप के अंतर्गत  आती हैं 

भारत के अंदर Reliance Industries, Tata Industries, Mahindra Tech,Etc कंपनियां लार्ज कैप के अंतर्गत आती है 

लार्ज कैप कंपनियों में निवेश के फायदे 

लार्ज-कैप कंपनियों में निवेश करने के कई फायदे हैं, जिनमें शामिल हैं:

स्थिरता: लार्ज-कैप कंपनियां आमतौर पर स्मॉल-कैप कंपनियों की तुलना में अधिक स्थिर होती हैं, क्योंकि उनके पास बड़ी बाजार हिस्सेदारी होती है और आर्थिक उतार-चढ़ाव से प्रभावित होने की संभावना कम होती है। यह निवेशकों को सुरक्षा की भावना प्रदान कर सकता है, यह जानते हुए कि उनके निवेश का मूल्य कम होने की संभावना कम है।

Liquidity:  लार्ज-कैप कंपनियां आमतौर पर स्मॉल-कैप कंपनियों की तुलना में अधिक तरल होती हैं, जिसका अर्थ है कि उनके शेयर अधिक आसानी से खरीदे और बेचे जाते हैं। इससे निवेशकों के लिए पोजीशन में प्रवेश करना और बाहर निकलना आसान हो सकता है, साथ ही नकदी के लिए अपने शेयरों का व्यापार करना भी आसान हो सकता है।

Diversification: लार्ज-कैप कंपनियां निवेशकों को विविधीकरण प्रदान कर सकती हैं, क्योंकि उनके किसी एक उद्योग या क्षेत्र से प्रभावित होने की संभावना कम होती है। इससे पोर्टफोलियो के समग्र जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।

संस्थागत स्वामित्व\ Institutional ownership: लार्ज-कैप कंपनियों का स्वामित्व अक्सर संस्थागत निवेशकों के पास होता है, जैसे म्यूचुअल फंड और पेंशन फंड। इससे निवेशकों को विश्वास की भावना मिल सकती है, यह जानकर कि इन संस्थानों ने कंपनी में निवेश किया है।

पारदर्शिता/ Transparency: लार्ज-कैप कंपनियां आमतौर पर स्मॉल-कैप कंपनियों की तुलना में अधिक पारदर्शी होती हैं, क्योंकि उन्हें जनता के सामने अधिक जानकारी का खुलासा करने की आवश्यकता होती है। इससे निवेशकों के लिए अपने निवेश के बारे में जानकारीपूर्ण निर्णय लेना आसान हो सकता है।

 

Worlds largest market cap companies list in Hindi – दुनिया की 10 सबसे बड़ी market cap वाली company List  

 

Company Sector Market Cap (in USD)
#1 Microsoft Technology $3.1 trillion
#2 Apple Technology $2.68 trillion
#3 Nvidia Technology $2.21 trillion
#4 Saudi Aramco Oil & Gas $2.01 trillion
#5 Alphabet (Google) Technology $1.84  trillion
#6 Amazon E-commerce $1.81 trillion
#7 Meta Platforms Social Media $1.26 trillion
#8 Berkshire Hathaway Diversified Investments $883.7 billion
#09 Eli Lilly Pharmaceuticals $724.6  billion
#10 TSMC    

 

Mid market cap क्या होती  है –  what is mid market cap company 

Mid market cap meaning in Hindi  – दोस्तों भारत में लगभग 5000 करोड से अधिक तथा 20000 करोड से नीचे की मार्केट वैल्यू वाली कंपनियों को विद मार्केट कैप के अंतर्गत रखा जाता है इन कंपनियों की पोजीशन 101  रैंक से लेकर 250  रैंक  तक हो सकती है 

भारत में ऐसी कई सारी कंपनियां हैं जो कि मिड मार्केट कैप के अंतर्गत आती है 

 small Market cap क्या होती है  – What is small market cap company  

Security exchange Board of India (SEBI) के द्वारा बनाए गए अधिनियम के अंतर्गत जो कंपनियां 5000 करोड़ रुपए से काम वैल्यू की होती है उसे स्मॉल मार्केट कैप के अंदर रखा जाता है 

 

स्मॉल मार्केट कैप कंपनियों की रैंक 251 रैंक से ऊपर ऊपर होती है भारत में ऐसी कई सारी कंपनियां हैं जो कि स्मॉल मार्केट कैप के अंतर्गत रखी जाती हैंऔर अभी अभी नए नए स्टार्टअप्स भी होते जा रहे हैं

Market cap  महत्वपूर्ण क्यों है – Importance of market cap

मार्केट कैप की महत्वता इसलिए होती है Market Cap के द्वारा कंपनी की वैल्यू के बारे में पता लगता है और हमें निवेश में काफी आसानी होती है किसी भी कंपनी के लिए मार्केट कैप इसलिए महत्वपूर्ण होता है क्योंकि वह उस कंपनी के वास्तविक मूल्य को दर्शाता है 

तथा हम किसी भी कंपनी के मार्केट कैप को जानकर उन दो कंपनियों के बीच में हम तुलना करके अपना पैसा किसी अच्छी कंपनी में लगा सकते हैं जहां से हमें अच्छा रिटर्न मिल सकता है Share Market में यही देखने को मिलता है कि जितना ज्यादा Market Cap उतना ही अच्छा रिटर्न वह भी बिना किसी रिस्क के साथ  

मार्केट कैप से क्या पता चलता है?

मार्केट कैप से कंपनी की वैल्यू के बारे में पता चलता है जिससे आपको निवेश में आसानी हो जाए और आपके मुनाफे के चांस बढ़ जाए

मार्केट कैप कैसे बढ़ता है?

मार्केट कैप बढ़ाने के पीछे कंपनी के द्वारा जारी किए गए Share (शेयर ) की भूमिका होती है क्योंकि शेयर्स में जितनी ज्यादा ट्रेडिंग होती है उतने ही ज्यादा मार्केट के बढ़ने के चांस होते हैं

क्या मार्केट कैप और वैल्यूएशन एक ही है?

हां , मार्केट कैप और मार्केट वैल्यूएशन एक ही होता है , दोनों ही कंपनी की टोटल वैल्यू के बारे मेंजानकारी देते हैं

मार्केट कैप क्यों घटती है?

मार्केट कैप घटना के पीछे कंपनी के शेयर्स की भूमिका होती है जब कंपनी के शेयर्स में बड़ी गिरावट देखने को मिलती है तो कंपनी की मार्केट कैपिटल भी काम हो जाती है घट जाती है

इंडिया का टोटल मार्केट कैप कितना है?

भारत का मार्केट कैप 260.80 लाख करोड़ रुपए है। डॉलर टर्म में यह 3.54 ट्रिलियन डॉलर है।

भारत में मार्केट कैप की गणना कैसे की जाती है?

मार्केट कैप की गणना कंपनी के Share(शेयर ) की कीमत को बकाया शेयरों की संख्या से गुणा करके की जाती है।

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