Face Value, जिसे Per value या (Nominal value) नाममात्र मूल्य के रूप में भी जाना जाता है। फेस वैल्यू का हिंदी अर्थ अंकित मूल्य होता है शेयर मार्केट में Share(शेयर ) की फेस वैल्यू वह कीमत होती है जब उसे आईपीओ के दौरान मार्केट में उतर जाता है। किसी भी Share(शेयर ) की फेस वैल्यू अंकित मूल्य कहलाती है क्योंकि वह Share(शेयर ) प्रमाण पत्र पर अंकित होती है शेयर मार्केट में फेस वैल्यू काफी ज्यादा महत्वता रखती है।
अगर आप भी शेयर मार्केट में रुचि रखते हैं और निवेश करना चाहते हैं तो आपको भी Share(शेयर ) की फेस वैल्यू के बारे में पर्याप्त जानकारी होना बहुत ही आवश्यक है दोस्तों अक्सर देखा जाता है कि किसी भी कंपनी की Face value Market value से अलग होती है इन्हीं सबके बीच न Investor थोड़ा Confused हो जाते हैं कि असली वैल्यू क्या है।
अगर आप भी जानना चाहते हैं Face Value क्या होता है – Face Value Meaning In Hindi इस लेख के माध्यम से आपकी जानकारी में इजाफा होगा और यह भी जानेंगे कि फेस वैल्यू का किसी कंपनी के Corporate Action में क्या महत्व है।
Face Value क्या होता है – Face Value Meaning In Hindi
Face value का अर्थ अंकित मूल्य होता है और शेयर मार्केट में Face value का अर्थ Share के उसे मूल्य से होता है जब कोई कंपनी अपना शेयर मार्केट में उतरती है किसी भी कंपनी के Share की वैल्यू उसे कंपनी का अंकित मूल्य कहलाती है जो उस कंपनी के शेयर प्रमाण पत्र पर दर्ज होती है।
इस प्रकार से हम कह सकते हैं कि Face Value किसी शेयर की वास्तविक मूल्य होता है जो की शेयर Certificate में लिखा होता है। जब कंपनी Dividend जारी करती है या Stock Split करती है तब Face Value को उपयोग में लिया जाता है। क्योंकि Dividend हमेशा फेस वैल्यू पर दिया जाता है और Stock Split करने पर Face Value पर असर पड़ता है और Face Value बदल जाता है।
उदाहरण के साथ में Face value को समझे
उदाहरण के लिए मान लीजिए कोई कंपनी ₹10 के हिसाब से 1 लाख शेयर मार्केट में उतरती है तो इस प्रकार उसकी टोटल वैल्यू हो जाती है 10 लख रुपए , आगे चलकर मार्केट में उनकी कीमत बढ़ जाएगी वह ₹10 के Share(शेयर ) आगे बढ़कर लगभग 15 से 20 रुपए के भी हो सकते हैं
लेकिन उनकी फेस वैल्यू ₹10 ही रहेगी क्योंकि वह अंकित मूल्य है।
Face value meaning in Hindi – फेस वैल्यू का मतलब क्या होता है?
फेस वैल्यू को हिंदी में अंकित मूल्य है कहा जाता है Face value किसी भी Share(शेयर ) का वास्तविक मूल्य होता है किसी भी कंपनी के Share(शेयर ) की फेस वैल्यू उसे कंपनी के शेयर सर्टिफिकेट पर अंकित होती है।
At par value क्या है
शेयर मार्केट में लिस्ट होने के बाद में जब उसे शेयर की कीमत में कोई भी बदलाव न आए तब ऐसी हालत में उसकी वैल्यू को At par value कहते हैं।
Above par value meaning in Hindi
जब किसी कंपनी की Share(शेयर ) की कीमत मार्केट में उतरने के बाद उसकी फेस वैल्यू से बढ़कर कुछ भी हो जाए जैसे हमारे केस में ₹10 था अगर वह Share(शेयर ) की कीमत ₹15 हो जाती है तो इसे अबोव पर वैल्यू कहा जाता है।
Below par value meaning in Hindi
वीडियो पर वैल्यू का अर्थ होता है जब किसी भी Share(शेयर ) की कीमत फेस वैल्यू से नीचे गिर जाती है अर्थात मार्केट में लिस्ट होने के बाद में मार्केट में जब वह काफी बुरी तरह परफॉर्म करें और अपनी वैल्यू कर ले तब उसे बेलो पर वैल्यू कहा जाता है।
Face value कैसे पता करें – How to know face value in Hindi
अगर आप भी किसी भी Share(शेयर ) की फेस वैल्यू जानना चाहते हैं तो आप बैलेंस शीट से फेस वैल्यू जान सकते हैं इसके अलावा आप BSE अर्थात Bombay Stock Exchange या एंड NSE National Stock Exchange जाकर देख सकते हो इसमें आपको अच्छा डिटेल और अच्छा डाटा मिल सकता है ।
- सर्वप्रथम आपको किसी भी एक अच्छी वेबसाइट पर जाना है जैसे moneycontrol.com
- उसके बाद आपके सामने एक सर्च बॉक्स ओपन होगा
- उसमें आपको अपनी कंपनी का नाम भरना है जिसका Face value जानना चाहते हो
- अब आपको अपना Search किया हुआ Stock नजर आएगा इसको थोड़ा बहुत Scroll करना है।
- इस प्रकार आप Share market में लिस्ट किसी भी स्टॉक की जानकारी निकाल सकते हैं इसके Face value के बारे में जान सकते हो
Face Value और Stock Split में सम्बन्ध
आम तौर पर Face Value स्थायी होती है यह परिवर्तित नहीं होती है जैसे: अगर किसी कंपनी की Face Value 10 रुपये है और भविष्य में कंपनी के 1 शेयर की कीमत 500 रुपये भी हो जाती है तो कंपनी का Face Value नहीं बदलता है वह तब भी 10 रुपये रहेगा। लेकिन Stock Split करते समय फेस वैल्यू बदल जाता है
स्टॉक स्प्लिट में महँगे शेयर को तोड़ कर छोटे – छोटे शेयर में बाँट दिया जाता है जिससे छोटे निवेशक भी उस शेयर को खरीद सके। शेयर के टूटने की वजह से फेस वैल्यू भी टूट कर कम हो जाती है।
उदाहरण के लिये कोई 10 रुपये Face Value वाला शेयर है जिसकी मार्किट वैल्यू 500 रुपये है और कंपनी का बोर्ड यह निर्णय लेता है की 500 रुपये के एक शेयर को 100 – 100 रुपये के 5 शेयर में बाँट दिया जायेगा तो कंपनी का फेस वैल्यू भी घट कर 10 रुपये से 2 रुपये हो जायेगा।
Face Value और Dividend में सम्बन्ध
Dividend हमेशा Face Value पर दिया जाता है।
मान लीजिये एक कंपनी है जिसका फेस वैल्यू 10 रुपये है और मार्किट वैल्यू 500 रुपये है। और वह कंपनी यह घोषणा करती है की वह अपने सभी शेयर धारकों को 50 % Dividend देगी तो इसका अर्थ यह हुआ की वह कंपनी अपने सभी शेयर धारकों को (10 * 50 %)= 5 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड देगी।
Face value Use in Hindi – Face value का उपयोग
ज्यादा डिविडेंड प्राप्त करने के लिए तथा स्टॉक स्प्लिट और भी अन्य बोनस शेयर प्राप्त करने के लिए फेस वैल्यू काफी ज्यादा उपयोगी होती है
Dividend के लिए – कंपनी के द्वारा दिए जाने वाला डिविडेंड के ऊपर ही निर्भर करता है तो ऐसे में अगर आप भी डिविडेंड लेना चाहते हैं तो आपको आपके शेयर की फेस वैल्यू को जानना बहुत जरूरी है।
Stock split के लिए – जब कोई कंपनी अपने शेयर बढ़ाने के लिए स्टॉक स्प्लिट करती है तब भी फेस वैल्यू को ही आधार बनाया जाता है इसलिए स्टॉक स्प्लिट के लिए भी फेस वैल्यू काफी महत्वपूर्ण भूमिका रखती है।
Bonus share के लिए – किसी कंपनी के द्वारा बोनस शेयर दिए जाने पर भी फेस वैल्यू को ही आधार बनाया जाता है।
Company’s growth study के लिए – किसी भी कंपनी की ग्रोथ स्टडी और उसके बिजनेस के बारे में जानने के लिए फेस वैल्यू को हीमहत्वपूर्ण माना जाता है।
Company closed condition के लिए – दोस्तों जब भी किसी कंपनी का दिवालिया निकल जाता है या कोई कंपनी बंद होने के कगार पर आती है तो वह अपनी इन्वेस्टर को उनका पैसा लौटाना चाहती है तो कंपनी Face value के आधार पर ही पैसा लौटाया जाता है।
Difference between face value and market value in Hindi -Face value और Market value में अंतर
मार्केट वैल्यू और फेस वैल्यू में काफी ज्यादा अंतर होता है तो चलिए जानते हैं मार्केट वैल्यू और फेस वैल्यू में क्या अंतर पाया जाता है
- जैसा कि आपको पता है मार्केट वैल्यू उसे समय अनुसार मार्केट में डिमांड और सप्लाई के आधार पर बदलता रहता है लेकिन फेस वैल्यू स्थिर रहती है।
- किसी भी Share(शेयर ) का Face value सबसे पहले निर्धारित किया ती है जबकि मार्केट की डिमांड और सप्लाई के आधार पर Market value तय होती है
- दोस्तों कंपनी के Face value की कीमत स्थिर होती है जबकि Market value की कीमत मार्केट में डिमांड और सप्लाई के आधार पर घटती और बढ़ती रहती है यह बहुत ही अस्थिर रहती है