इक्विटी शेयर और प्रेफरेंस शेयर में काफी सारे अंतर होते हैं जिनमें प्रमुख है: इक्विटी शेयरधारकों के पास वोटिंग अधिकार होते हैं और उन्हें डिविडेंड मिलता है जो कंपनी के मुनाफे के आधार पर उतार-चढ़ाव करता है, जबकि प्रेफरेंस शेयरधारकों के पास वोटिंग अधिकार नहीं होते हैं, लेकिन उन्हें निश्चित डिविडेंड मिलता है और कंपनी के परिसमापन की स्थिति में उन्हें प्राथमिकता दी जाती है। प्रेफरेंस शेयरों का स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग नहीं किया जाता है और कंपनी को वापस बेचने के लिए एक निश्चित समय अवधि होती है। शेयर बायबैक की सुविधा मिलती है, जहाँ कंपनियाँ बाज़ार से अपने शेयर वापस खरीदती हैं।
शेयर मार्केट में शेयर मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं इक्विटी शेयर और प्रेफरेंस शेयर जिनमें विभिन्न प्रकार के मुख्य अंतर पाए जाते हैं जिन्हें आप नीचे और विस्तार से जानने वाले हैं equity vs preference share in hindi , इक्विटी शेयर का प्रेफरेंस शेयर में मुख्य अंतर –
equity vs preference shares in hindi – इक्विटी शेयर और प्रेफरेंस शेयर में मुख्य अंतर
इक्विटी शेयर(Equity share)और प्रेफरेंस शेयर(Preference share)। इक्विटी शेयरधारकों के पास वोटिंग अधिकार होते हैं और उन्हें डिविडेंड(Dividend) मिलता है जो कंपनी के मुनाफे के आधार पर उतार-चढ़ाव करता है, जबकि प्रेफरेंस शेयरधारकों के पास वोटिंग अधिकार नहीं होते हैं, लेकिन उन्हें निश्चित डिविडेंड मिलता है और कंपनी के परिसमापन की स्थिति में उन्हें प्राथमिकता दी जाती है। दस्तावेज़ में अन्य अंतरों का भी विवरण दिया गया है, जैसे कि प्रेफरेंस शेयरों का स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग(Trading) नहीं किया जाता है और कंपनी को वापस बेचने के लिए एक निश्चित समय अवधि होती है। अंत में, शेयर बायबैक की सुविधा मिलती है, जहाँ कंपनियाँ बाज़ार से अपने शेयर वापस खरीदती हैं।
आधार | इक्विटी शेयर | वरीयता शेयर |
वोटिंग का अधिकार | हाँ | नहीं |
डिविडेंड दर | लाभ के अनुसार | एक निश्चित दर पर |
डिविडेंड वरीयता | वरीयता शेयरधारकों के बाद | इक्विटी शेयरधारकों से पहले |
परिसंपत्ति वरीयता (वाइंडिंग अप) | वरीयता शेयरधारकों के बाद | इक्विटी शेयरधारकों से पहले |
प्रबंधन में भागीदारी का अधिकार | हाँ | नहीं |
शेयर बाजार में ट्रेडिंग | हाँ | नहीं |
मूल्य में उतार-चढ़ाव | उच्च | कम |
कंपनी को वापस बेचना | कुछ मामलों में | एक निश्चित समय अवधि के बाद |
इक्विटी और प्रेफरेंस शेयरों के बीच मुख्य अंतर क्या हैं? – difference between equity shares and preference shares in hindi
इक्विटी और प्रेफरेंस शेयरों के बीच मुख्य अंतर इस प्रकार हैं:
डिविडेंड दर:
इक्विटी शेयरधारकों को डिविडेंड मिलता है जो कंपनी के मुनाफे के आधार पर अलग-अलग होता है, जबकि प्रेफरेंस शेयरधारकों को एक निश्चित डिविडेंड दर मिलती है।
लाभ और समापन में प्रेफरेंस:
कंपनी के परिसमापन की स्थिति में डिविडेंड और संपत्ति प्राप्त करने की बात आने पर प्रेफरेंस शेयरधारकों को इक्विटी शेयरधारकों पर प्राथमिकता दी जाती है।
वोटिंग अधिकार:
इक्विटी शेयरधारकों के पास वोटिंग अधिकार होते हैं, जिससे वे कंपनी के निर्णयों में भाग ले सकते हैं, जबकि प्रेफरेंस शेयरधारकों के पास वोटिंग अधिकार नहीं होते हैं।
मैनेजमेंट में भागीदारी:
इक्विटी शेयरधारक कंपनी केमैनेजमेंट और नियंत्रण में भाग ले सकते हैं, जबकि प्रेफरेंस शेयरधारक नहीं ले सकते।
ट्रेडिंग योग्यता:
प्रेफरेंस शेयरों का आमतौर पर शेयर बाजार में ट्रेडिंग नहीं होता है, जबकि इक्विटी शेयरों का सक्रिय रूप से ट्रेडिंग होता है।
कंपनी को वापस शेयर बेचना:
प्रेफरेंस शेयरधारक एक निश्चित समय अवधि के बाद अपने शेयर वापस कंपनी को बेच सकते हैं, जबकि इक्विटी शेयरधारक आमतौर पर अपने शेयर केवल शेयर बाजार में अन्य खरीदारों को ही बेच सकते हैं।