Credit card ke nuksan | क्रेडिट कार्ड के नुकसान क्या होते हैं | क्रेडिट कार्ड के फायदे और नुकसान | disadvantage of credit card in Hindi
हमारे आम जीवन में आसान और सुविधाजनक पेमेंट पर मिलने वाले कैशबैक ऑप्शन के साथ में और भी अच्छे-अच्छे ऑफर्स के चलते क्रेडिट कार्ड आज आम जीवन का एक अभिन्न अंग बनता जा रहा है। समाज के एक बहुत बड़े हिस्से ने इसको एक स्टेटस के रूप में भी एक्सेप्ट कर लिया है।
क्रेडिट कार्ड के मायाजाल में आज के समय बड़े-बड़े लोग गिर चुके हैं और जो अभी नए-नए पैसे कमाने लगे हैं वह क्रेडिट कार्ड लेने के फिराक में रहते हैं क्योंकि हमारे द्वारा Credit card के केवल फायदे ही देखे जाते हैं और उसे पर मिलने वाली छूट देखी जाती है ।
Credit card पर अच्छा Cashback मिलता है ऐसा छूट मिलता है Future surcharge पर छूट मिलता है शॉपिंग पर अच्छी छूट मिलती है कैशबैक मिलता है हैं Credit card एक अच्छे उपयोगकर्ता के लिए वरदान है लेकिन एक अति उपयोगकर्ता के लिए यह आने वाली बड़ी समस्या से काम नहीं होता है। हालाँकि, यदि क्रेडिट कार्ड का सही ढंग से उपयोग नहीं किया जाता है, या यदि आप बिल आने पर चुकाने की क्षमता से अधिक खर्च करते हैं तो यह कर्ज का जाल बन सकता है।
Credit card ke nuksan – क्रेडिट कार्ड के नुकसान
- Minimum due trap – मिनिमम ड्यू समस्या
- Hidden costs – छिपी हुई लागत
- Easy to overuse – अति उपयोग में आसानी
- High interest rate – उच्च ब्याज दर
- Credit card fraud – क्रेडिट कार्ड फ्रॉड होना
- Inactivity charge – इन एक्टिविटी चार्ज
- Credit history down – क्रेडिट हिस्ट्री डाउन हो जाना
- Loss of Reward – रिवॉर्ड का नुकसान
- Credit history expires – क्रेडिट हिस्ट्री समाप्त होना
- reduction in credit limit – क्रेडिट लिमिट में कमी
क्रेडिट कार्ड लेने के नुकसान – Credit card disadvantage in Hindi
क्रेडिट कार्ड के जितने ज्यादा फायदे होते हैं उतनी ज्यादा नुकसान भी होते हैं जो कि हर एक यूजर को जानना बहुत ही जरूरी हैचलिए जानते हैं क्रेडिट कार्ड के नुकसान क्या होते हैं –
Minimum due trap – मिनिमम ड्यू समस्या
क्रेडिट कार्ड उपयोग करता है का सबसे बड़ा नुकसान क्रेडिट कार्ड मिनिमम ड्यू होता है जो कि बिल डिटेल्स के ऊपर ऊपर होता है। बहुत सारे क्रेडिट कार्ड लेने वाले या क्रेडिट कार्ड धारक यह सोचकर धोखा खा जाते हैं कि वह मिनिमम बैलेंसउनका टोटल बैलेंस है जिसका उन्हें पेमेंट करना होगा,
मिनिमम बैलेंस वह राशि है जो कंपनी आपसे सुविधा देने के नाम पर प्राप्त करने और अपनी सुविधा जारी रखने केनाम पर आपसे भुगतान करने की अपेक्षा रखती है।
इसका रिजल्ट यह होता है कि यूजर्स को लगता है कि उसका बिल कम है और उसका उपयोग ज्यादा कर लेता है, जिससे उनके बकाया पर ब्याज जमा हो जाता है, जो समय के साथ एक बहुत बड़ी असहनीय राशि बन जाती है उसके बाद में आपको पेमेंट वापस करने में बहुत बड़ी समस्या होती है।
Hidden costs – छिपी हुई लागत
शुरुआत शुरुआत में तो क्रेडिट कार्ड बहुत ही आसान और सिंपल नजर आते हैं लेकिन समय के साथ इसमें सभी छिपे हुए जितने भी चार्ज और एक्स्ट्रा शुल्क होते हैं वह आपको समस्या में डालते हैं, क्रेडिट कार्ड में ऐसे कई सारे हिडन शुल्क होते हैं जो आपके खर्चे को बढ़ा देते हैं।
क्रेडिट कार्ड के ऊपर कई प्रकार के टैक्स और चार्ज लगते हैं, जैसे देरी से भुगतान के लिए चार्ज, जॉइनिंग फीस, रेनवाल चार्ज और प्रोसेसिंग फीस। अगर आपने क्रेडिट कार्ड से पेमेंट की है और वह पेमेंट चूक गई या लेट हो जाती है तो आप पर जुर्माना लग सकता है,बार-बार देरी से पेमेंट करने पर आपकी क्रेडिट लिमिट में भी समस्या आती है, जिसका आपके क्रेडिट स्कोर और भविष्य की क्रेडिट संभावनाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
Easy to overuse – अति उपयोग में आसानी
क्रेडिट कार्ड से खरीदारी के साथ में रिवॉर्ड मिलने के कारण, चूंकि आपका बैंक बैलेंस तो बराबर ही रहता है, इसलिए आप सॉरी खरीदारी का भार क्रेडिट कार्ड के ऊपर डाल सकते हैं, जिसे आपको पता नहीं चलता है कि आपका कितना बकाया है, इससे आप अधिक खर्च करने की दुविधा में पढ़ सकते हैं
और जितनी आपकी लिमिट होती है जितना आप चुका सकते हैं उससे ज्यादा खर्च हो जाता है और उसे पर आपकोज्यादा ब्याज देना होता है, जिससे आपके भविष्य के भुगतानों पर कर्ज और उच्च ब्याज दरों का चक्र शुरू हो सकता है।
High interest rate – उच्च ब्याज दर
अगर आप अपना बिल लास्ट डेट के बाद में भी नहीं चुके हैं और आपकी तारीख निकल जाती है, तो राशि आगे बढ़ा दी जाती है और उसे राशि पर ज्यादा से ज्यादा ब्याज लगाया जाता है। यह ब्याज ब्याज मुक्त अवधि के बाद की गई खरीदारी पर एक निश्चित अवधि में अर्जित होता है। क्रेडिट कार्ड की इंटरेस्ट रेट अर्थात ब्याज दर काफी ज्यादा है, ज्यादा क्रेडिट कार्ड का इंटरेस्ट रेट 3% मासिक होता है, जो प्रति वर्ष 36% होगी।
Credit card fraud – क्रेडिट कार्ड फ्रॉड होना
क्रेडिट कार्ड से फ्रॉड होने की संभावना बहुत कम है, फिर भी आशंका होती है कि क्रेडिट कार्ड के द्वारा आपके साथ में फ्रॉड हो सकता है । टेक्नोलॉजी में वृद्धि के साथ में आज के समयक्रेडिट कार्ड क्लोन का एक बहुत बड़ा फ्रॉड चल रहा है जिसमें कोई भी फ्रॉड आपके क्रेडिट कार्ड का क्लोन बना लेता है जिसके माध्यम से कोई अन्य व्यक्ति या संस्था क्रेडिट कार्ड से खरीदारी और ऑनलाइनपेमेंट कर सकते हैं।
इसलिए ऑनलाइन खरीदारी करते समय आप अपनी डिटेल्स को वेबसाइट पर save ना करें और आपको कोई धोखाधड़ी का अंदेशा होता है और लगता है कि गुरु फ्रॉड हो गया है तो बैंक को सूचित करें।अगर कोई धोखाधड़ी या फ्रॉड साबित हो जाता है तो बैंक आपको शुल्क माफ कर देता है, इसलिए आपको चोर द्वारा चार्ज की गई खरीदारी के लिए भुगतान नहीं करना पड़ेगा।
Inactivity charge – इन एक्टिविटी चार्ज
अगर आपने क्रेडिट कार्ड निकलवा लिया है और आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं तो कई सारी क्रेडिट कार्ड कंपनियां अपने यूजर्स पर क्रेडिट कार्ड धारक पर क्रेडिट कार्ड इन एक्टिविटी चार्ज लगती है।
इसका मतलब यह है कि क्रेडिट कार्ड कंपनी है अपने यूजर्स को खरीदारी करने और क्रेडिट कार्ड उपयोग करने पर मजबूर कर देती है जब कोई क्रेडिट कार्ड धारक द्वारा एक निश्चित समय से ज्यादा समय तक क्रेडिट कार्ड का उपयोग नहीं किया जाता है। ये वार्षिक या जिस समय तक आपने क्रेडिट कार्ड नहीं उपयोग किया है, उस समय के लिए इन एक्टिविटी चार्ज दे सकता है।
Credit history down – क्रेडिट हिस्ट्री डाउन हो जाना
अगर कोई भी क्रेडिट कार्ड धारक किसी भी क्रेडिट कार्ड का उपयोग एक लंबे समय से करता आ रहा है और आगे समय आने पर अगर वह क्रेडिट कार्ड का उपयोग बंद कर देता है तो इसका उसे क्रेडिट कार्ड धारक पर काफी लंबा असर पड़ता है उसके क्रेडिट स्कोर में काफी प्रभाव पड़ता है हो सकता है उसकी क्रेडिट स्कोर कम हो जाए।
Loss of Reward – रिवॉर्ड का नुकसान
अगर आप लंबे समय से क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते आ रहे हैं जिससे आपको काफी सारे क्रेडिट कार्ड रीवार्ड्स और कैशबैक रिपोर्ट मिलते हैं अगर आप मान लीजिए कि क्रेडिट कार्ड का उपयोग बंद कर देते हैं तो आपको कैशबैक रिवॉर्ड का नुकसान हो जाता है। आपकी ओर से शॉपिंग कर अर्जित किए गए रिवॉर्ड प्वाइंट्स बेकार हो जाते हैं।
Credit history expires – क्रेडिट हिस्ट्री समाप्त होना
क्रेडिट कार्ड की एक सबसे बड़ी खासियत है कि अगर आप उसे लेनदेन करते हैं तो आपकी प्रत्येक ट्रांजैक्शन हिस्ट्री और आपका लेनदेन रिकॉर्ड किया जाता है अगर आप समय आने में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल बंद कर देते हैं तो आपकी सारी की सारी की हिस्ट्री डिलीट हो सकती है और समाप्त हो सकती है तो ऐसे में आप वह प्रॉब्लम हो सकती है।
reduction in credit limit – क्रेडिट लिमिट में कमी
क्रेडिट कार्ड यूटिलाइजेशन और क्रेडिट कार्ड उपयोग की एक सीमा होती है। क्रेडिट कार्ड धारक पहले क्रेडिट कार्ड का उपयोग करता है लेकिन बाद में वह क्रेडिट कार्ड का उपयोग बंद कर देता है तो ये यूटिलाइजेशन लिमिट भी कम हो जाती है और इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
क्या क्रेडिट कार्ड लेना चाहिए या नहीं?
यह आपके ऊपर निर्भर करता है अगर आपकी क्रेडिट लाइन अच्छी है और आपकी अच्छी सैलरी आई है तो आपके लिए क्रेडिट कार्ड अच्छा है अगर आपके पास में एक फिक्स इनकम सोर्स नहीं है तो आपको क्रेडिट कार्ड नहीं लेना चाहिए
क्रेडिट कार्ड पर कितना ब्याज देना पड़ता है?
आमतौर पर क्रेडिट कार्ड पर ब्याज 3% मासिक और के 36% वार्षिक ब्याज लगता है
क्रेडिट कार्ड का पैसा कितने दिन में जमा करना होता है?
क्रेडिट कार्ड का पैसा जमा करने के लिए 14 दिन से 50 दिन का समय मिलता है
क्रेडिट कार्ड बिल कब जनरेट होगा?
ज्यादातर क्रेडिट कार्ड बिल 7 तारीख को जनरेट होते हैं
क्रेडिट कार्ड पेमेंट ड्यू डेट क्या है?
पेमेंट ड्यू डेट वह तारीख होती है जिस तारीख को आपको क्रेडिट कार्ड का खर्चा किया गया पैसा लौटाना होता है , आपको वह पैसा आपके बैंक अकाउंट में जमा करना होता है