Bear market क्या है? शेयर मार्केट में बियर मार्केट का मतलब,फायदे और नुकसान – Bear market meaning in hindi

5/5 - (1 vote)

बियर मार्केट का मतलब जब शेयर मार्केट में गिरावट का दौर चल रहा होता है और शेयर मार्केट में बहुत बड़ा नुकसान होता है बियर मार्केट कहलाता है बियर मार्केट में  नेगेटिव मार्केट सेंटीमेंट और निवेशकों की निराशा के कारण शेयर्स की कीमतों में गिरावट आती है। जब ऐसा होता है, तो निवेशक भी बहुत सारा पैसा खो देते हैं, जिससे बाजार में उनका विश्वास भी कम हो जाता है।

बियर मार्केट भी विभिन्न चरणों में संपन्न होती है। बियर मार्केट, बाज़ार में शेयर की कीमतों में गिरावट की एक लंबी अवधि है। बियर मार्केट क्रिएट होने के पीछे कई सारे कारण मौजूद होते हैं जैसे यह आर्थिक मंदी, राजनीतिक अस्थिरता या इकोनामिक मार्केट बबल जैसे विभिन्न कारकों के कारण हो सकता है।

शेयर मार्केट में उतार चढ़ाव होने के दौरान दो शब्दों का काफी ज्यादा उपयोग होता है जो है बुल मार्केट और बियर मार्केट अगर आप जानना चाहते हैं बियर मार्केट क्या है? bear market meaning in hindi, बियर मार्केट क्रिएट होने के पीछे कारण इसके फायदे और नुकसान , चलिए विस्तार से जानते हैं 

Bear market meaning in hindi

विषय सूची

Bear market क्या है? – what is bear market in hindi 

शेयर बाजार में Bear market जब शेयर मार्केट(Share market) में काफी ज्यादा गिरावट होती है और यह प्रक्रिया आमतौर पर महीनों या सालों तक चलती है बियर मार्केट कहलाती है। यह नेगेटिव मार्केट सेंटीमेंट से प्रेरित होता है, जो अक्सर आर्थिक कारकों और मार्केट साइकोलॉजी से प्रभावित होता है। Bear market में, शेयर की प्राइसेज अपने चरम से कम से कम 20% तक गिर जाती हैं, और निवेशकों को काफी नुकसान हो सकता है। 

हालांकि, Bear market में फंडामेंटल रूप से स्ट्रांग कंपनियों के शेयर खरीदने के लिए के अवसर भी मौजूद होते हैं, जिनके शेयर की प्राइसेज नेगेटिव मार्केट सेंटीमेंट के कारण गिर गई हैं। Bear market में निवेश की स्ट्रेटजीयों में बॉन्ड(bond) और Gold जैसी Secure Assets के माध्यम से कैपिटल सुरक्षित करना करना, डिविडेंड(Dividend) देने वाली कंपनियों में निवेश करना, पोर्टफोलियो की सिक्योरिटीज के लिए हेजिंग, अस्थिरता को कम करने के लिए रुपए की लागत औसत करना और कम मूल्य वाले शेयरों की पहचान करने के लिए फंडामेंटल एनालिसिस करना शामिल है।

बियर मार्केट का मतलब क्या है? – Bear market meaning in hindi

बियर मार्केट का मतलब मंदा बाजार होता है जिसमें बियर का मतलब होता है मंदा और मार्केट का मतलब होता है बाजार शेयर मार्केट में भालू का निशान मार्केट में आने वाली गिरावट या मार्केट होने वाली मंडी को दर्शाता है इस प्रकार से बियर मार्केट कहते हैं 

बियर मार्केट की जानकारी – Bear market details in Hindi

Bear market विवरण
परिभाषा शेयर बाजार में लगातार गिरावट का दौर
अवधि महीनों या सालों तक
गिरावट अपने peek लेवल से कम से कम 20% की गिरावट
कारण नेगेटिव निवेशक भावना, कमजोर आर्थिक स्थिति
प्रभाव निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण नुकसान
अवसर कम कीमतों पर मजबूत कंपनियों में निवेश करने का मौका
स्ट्रेटजीयाँ कैपिटल Secure करना, डिविडेंड देने वाली कंपनियों में निवेश, हेजिंग

 

बियर मार्केट कितने चरणों में संपन्न होता है – बियर मार्केट लाइफ साइकिल

  • पहले चरण में, सिक्योरिटीज की प्राइसेज अधिक होती हैं, जिसके कारण निवेशक बड़ा मुनाफा बुक कर सकते हैं और बाजार छोड़ना शुरू कर सकते हैं।
  • दूसरे चरण में, अनुकूल आर्थिक संकेतक उम्मीदों के मुताबिक परफॉर्मेंस नहीं करते हैं। इस वजह से, स्टॉक की प्राइसेज, ट्रेडिंग गतिविधि और कॉर्पोरेट इनकम पर भी नेगेटिव प्रभाव पड़ता है। नतीजतन, निवेशकों का विश्वास कम होने लगता है। साथ ही, मार्केट इंडेक्स, संपत्ति और डिविडेंड यील्ड भी अपने नए ट्रेडिंगि निचले स्तर पर पहुंच जाते हैं। यह दर्शाता है कि बाजार में पूंजी की आवश्यकता है।
  • जैसे ही तीसरा चरण आता है, बाजार में सट्टेबाज उभर आते हैं।
  • और अंतिम चरण में, स्टॉक मूल्य और भी अधिक गिरने लगते हैं। लेकिन धीरे-धीरे, निवेशकों को लगता है कि यह बाजार का सबसे बुरा दौर था और अब यह खत्म हो गया है। इससे बाजार में Positive feedback होती है और अंततः तेजी वाले निवेशक फिर से बाजार में प्रवेश करते हैं।

 

Bear market की विशेषताएँ – bear market features in hindi

  • निरंतर गिरावट: शेयर बाजार में कीमतों में गिरावट का एक लंबा दौर होता है।
  • संपत्ति की कीमतों में गिरावट: बाजार के नेगेटिव सेंटीमेंट के कारण संपत्ति की कीमतों में गिरावट आती है।
  • निवेशकों का पैसा डूबता है: निवेशकों का पैसा डूबता है, जिसके परिणामस्वरूप बाजार में विश्वास में कमी आती है।
  • 20% गिरावट: शेयर की प्राइसेज अपने चरम से कम से कम 20% तक गिर जाती हैं।
  • नेगेटिव निवेशक भावना: निराशावाद और भय मार्केट साइकोलॉजी पर हावी हो जाते हैं।
  • आर्थिक कारक: कमज़ोर या बिगड़ती आर्थिक स्थितियों से प्रभावित।
  • निवेश के अवसर: कम कीमतों पर मौलिक रूप से मज़बूत स्टॉक खरीदने के अवसर प्रदान करते हैं।
  • स्ट्रेटजीयाँ: निवेशक अक्सर capital preservation, डिविडेंड देने वाले स्टॉक और हेजिंग पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

 

Bear market में क्या-क्या होता है – बियर मार्केट के परिणाम 

Bear market में, शेयर बाजार में कीमतों में गिरावट का एक लंबा दौर चलता है, जिसमें शिखर से कम से कम 20% की गिरावट होती है। यह अक्सर कमजोर आर्थिक स्थितियों के कारण निवेशकों की नेगेटिव मार्केट सेंटीमेंट से प्रेरित होता है। निवेशक निराशावादी और भयभीत हो जाते हैं, जिससे शेयरों की डिमांड में कमी आती है। 

नतीजतन, शेयर की प्राइसेज गिरती हैं, और कई निवेशकों को महत्वपूर्ण नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, Bear market कम कीमतों पर मौलिक रूप से मजबूत स्टॉक खरीदने के अवसर भी प्रदान करते हैं। Bear market के दौरान, निवेशकों के लिए capital preservation पर ध्यान केंद्रित करना, डिविडेंड देने वाले शेयरों में निवेश करने पर विचार करना और अपने पोर्टफोलियो की सिक्योरिटीज के लिए संभावित रूप से हेजिंग स्ट्रेटजीयों का उपयोग करना महत्वपूर्ण है।

Bear market के दौरान इन्वेस्टमेंट कैसे करें – How to invest in bear market in Hindi

 

अपने पैसे को सुरक्षित रखना:

 बड़े नुकसान के साथ Bear market में अपनी पूंजी को सुरक्षित रखना सबसे प्राथमिक जरूरी कार्य है। इसके लिए निवेशक बॉन्ड, गोल्ड और Secure इक्विटी पर अपना फोकस करें। क्योंकि ये संपत्तियां आपको बाजार में स्थिरता प्रदान करती हैं।

डिविडेंड कंपनियों में निवेश: 

ऐसा इसलिए है क्योंकि डिविडेंड देने वाली कंपनियां आपको Bear market में इनकम का स्रोत प्रदान करती हैं। यदि आपकी टोटल असेट्स का मूल्य कम हो गया है, तो डिविडेंड इसका मुकाबला कर सकते हैं।

हेजिंग स्ट्रेटजी: 

निवेशक अपने पोर्टफोलियो को बाजार में गिरावट से बचाने के लिए हेजिंग स्ट्रेटजीयों का उपयोग करते हैं। ऐसा करने के लिए निवेशक Financial Instruments जैसे ऑप्शन और रिवर्स ईटीएस का उपयोग करते हैं।

रुपया लागत औसत:

 Bear market में, संपत्ति का मूल्य अप्रत्याशित और अस्थिर होता है। बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद, रुपया लागत औसत के माध्यम से, आप securities में एक फिक्स अमाउंट का निवेश करते हैं। इस स्ट्रेटजी से आप बाजार के उतार-चढ़ाव के प्रभाव को कम कर सकते हैं। और इससे आपकी औसत निवेश लागत भी कम हो जाती है।

फंडामेंटल एनालिसिस: 

Bear market में शेयरों की कीमत उनके intrinsic value से काफी नीचे चली जाती है। और साथ ही, फंडामेंटल रिसर्च करके आप बाजार में निवेश के अवसरों का पता लगा सकते हैं। इस रिसर्च में आपको कंपनी की वित्तीय स्थिरता, कमाई की संभावना और विकास की संभावनाओं को शामिल करना होगा।

Bear market से फायदा – bear market benefits in hindi

जबकि Bear market आम तौर पर वित्तीय घाटे और आर्थिक मंदी से जुड़े होते हैं, वे कुछ लाभ भी प्रदान करते हैं:

निवेश के अवसर: 

Bear market अक्सर स्टॉक की कीमतों को उनके intrinsic value से नीचे धकेल देते हैं, जिससे निवेशकों को रियायती कीमतों पर हाई क्वालिटी वाली संपत्ति खरीदने का मौका मिलता है। इससे बाजार के अंततः ठीक होने पर महत्वपूर्ण लाभ हो सकता है।

पोर्टफोलियो रिबैलेंस: 

Bear market निवेश पोर्टफोलियो को Rebalanced करने का अवसर प्रदान करता है। निवेशक अधिक मूल्य वाली संपत्ति बेच सकते हैं और इनकम को कम मूल्य वाली संपत्तियों में पुनर्निवेश कर सकते हैं, जिससे पोर्टफोलियो के लॉन्ग टर्म परफॉर्मेंस में संभावित रूप से सुधार हो सकता है।

risk assessment: 

Bear market निवेशकों की रिस्क सहनशीलता और उनकी निवेश स्ट्रेटजीयों की लचीलापन का परीक्षण करते हैं। इससे निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में कमजोरियों की पहचान करने और बेहतर रिस्क मैनेजमेंट के लिए आवश्यक समायोजन करने में मदद मिल सकती है।

इन्वेस्टमेंट नॉलेज और स्किल का विकास:

 Bear market में नेविगेट करने के लिए निवेशकों को विभिन्न निवेश स्ट्रेटजीयों, रिस्क मैनेजमेंट तकनीकों और बाजार की गतिशीलता के बारे में जानने की आवश्यकता होती है। इससे उनकी फाइनेंशियल लिटरेसी  और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ सकती है।

Bear market का नुकसान – bear market disadvantages in hindi

जबकि Bear market कुछ अवसर प्रदान करते हैं, वे उल्लेखनीय नुकसानों के साथ भी आते हैं:

धन का क्षरण: 

मुख्य नुकसान संपत्ति मूल्यों में महत्वपूर्ण गिरावट है, जिससे निवेशकों के लिए संभावित धन क्षरण होता है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है जो रिटायरमेंट के करीब हैं या शॉर्ट टर्म फाइनेंशियल गोल रखते हैं।

financial losses: 

निवेशकों को संपत्ति की कीमतों में गिरावट के कारण महत्वपूर्ण financial losses होता है। यह उनके वित्तीय लक्ष्यों और समग्र धन को प्रभावित कर सकता है।

साइकोलॉजिस्ट प्रभाव: 

Bear market में निरंतर निराशावाद और भय निवेशकों के लिए भावनात्मक रूप से भारी पड़ सकता है। इससे आवेगपूर्ण निर्णय हो सकते हैं, जैसे कि घबराहट में बेचना, जो नुकसान को बढ़ा सकता है।

आर्थिक परिणाम:

 Bear market अक्सर आर्थिक मंदी के साथ मेल खाते हैं, जिससे उपभोक्ता खर्च में कमी आती है, व्यवसाय बंद हो जाते हैं और नौकरी चली जाती है। यह निवेशकों की भावना को और प्रभावित कर सकता है और Bear market को लम्बा खींच सकता है।

अनिश्चितता और अस्थिरता: 

Bear market की अप्रत्याशित प्रकृति नीचे का समय निर्धारित करना मुश्किल बनाती है और इसके परिणामस्वरूप बाज़ार में अस्थिरता बढ़ सकती है। यह अनुभवी निवेशकों के लिए भी निवेश निर्णय चुनौतीपूर्ण बना सकता है।

बियर मार्केट में पैसा कैसे कमाए?

बियर मार्केट में पैसे कमाने के लिए आपको फंडामेंटली स्ट्रांग कंपनियों के शेयर्स को खरीदना चाहिए, इसके अलावा लॉन्ग टर्म निवेश पर ध्यान देना चाहिए

बियर मार्केट कितने दिन तक चलता है?

बियर मार्केट कई दिन तक चलता है जैसे 30 दिन 90 दिन हो सके तो 6 महीने या 1 साल तक चल सकता है

क्या आपको बियर मार्केट में बेचना चाहिए?

अगर आपने एक स्ट्रांग फंडामेंटल वाली कंपनी के शेयर खरीदे हैं और भविष्य में अच्छे ग्रोथ वाली कंपनियों के शेयर खरीदे हैं तो वह कंपनी द्वारा जरूर उठेगी और आपको मुनाफा बना कर देगी , अगर और ज्यादा गिरने की संभावना नजर आती है तो आपको बेच देना चाहिए

बियर मार्केट में अपनी सुरक्षा कैसे करें?

बियर मार्केट आने पर या संभावना होने पर आपकी टोटल पूंजी को सुरक्षित करना प्राथमिक कार्य है उसके बाद आपको अच्छे डिविडेंड वाली कंपनियों में निवेश करना चाहिए और फंडामेंटल स्ट्रांग वाली कंपनियों में निवेश करना चाहिए 

Leave a Comment