भारत में स्टॉकब्रोकर बनने के लिए, आपके पास आवश्यक सर्टिफिकेट होने चाहिए, जैसे कि इक्विटी डेरिवेटिव के लिए NISM सीरीज VIII सर्टिफिकेशन। फिर आप किसी स्टॉकब्रोकिंग कंपनी के लिए काम कर सकते हैं या अपनी खुद की शुरुआत कर सकते हैं।एक सफल स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए आपको शेयर मार्केट और फाइनेंशियल मार्केट का ज्ञान अवश्य होना चाहिए अगर आपका बैकग्राउंड या आपकी शैक्षणिक योग्यता फाइनेंशियल मार्केट, कॉमर्स, अकाउंटिंग या इकोनामिक से हो तो यह काफी मददगार साबित हो सकता है।
आज के समय शेयर मार्केट जितनी ज्यादा स्पीड से बढ़ रहा है और लोग निवेश कर रहे हैं तो ऐसे में भारतीय शेयर मार्केट में पैसे कमाना भी काफी आसान हो चुका है आज के समय भारतीय शेयर मार्केट विभिन्न प्रकार के रोजगार उपलब्ध कर रहा है
आज के समय शेयर मार्केट में भी विभिन्न प्रकार की नौकरियों की काफी ज्यादा संभावनाएं मौजूद है क्योंकि भारत में 7000 से अधिक कंपनियों लिस्टेड है और विभिन्न प्रकार के बैंकिंग कंपनियां भी मौजूद हैं। तो ऐसे में आप भी उचित प्रेक्टिस पढ़ाई और डिग्री करके शेयर मार्केट ब्रोकर बन सकते हैं अगर आप भी जानना चाहते हैं स्टॉक ब्रोकर कैसे बने- Stock broker Kaise bane, स्टॉक ब्रोकर बनने की प्रक्रिया – how to become stock broker in hindi , स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए योग्यता चलिए विस्तार से जानते हैं
स्टॉक ब्रोकर कौन होता है? – Stock broker In Hindi
स्टॉकब्रोकर(Stock broker) एक प्रोफेशनल व्यक्ति होता है जो शेयर मार्केट में आने वाले नए-नए इन्वेस्टर को शेयर खरीदने और बेचने में मदद करता है, और शेयर मार्केट(Share market)में पैसा निवेश करता है। स्टॉक ब्रोकर का मुख्य कार्य निवेशक और स्टॉक एक्सचेंज(Stock Exchange) के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करते हैं। स्टॉकब्रोकर स्वतंत्र रूप से या किसी बड़ी फर्म के साथ काम कर सकते हैं। बहुत सारे स्टॉकब्रोकर अपने ग्राहकों को निवेश निर्णय लेने में मदद करने के लिए एडवाइस और मार्गदर्शन भी प्रदान करते हैं।
स्टॉक ब्रोकर मुख्य रूप से डिमैट अकाउंट(Demat account) ओपन करना ट्रेडिंग अकाउंट(Trading account) ओपन करना नए निवेशक को म्युचुअल फंड(Mutual Fund) में निवेशकरवाना और इसके अलावा विभिन्न प्रकार के मार्केटके बारे में जानकारी प्रदान करना ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करना जैसे कार्य करते हैं
स्टॉक ब्रोकर कितने प्रकार के होते हैं
मुख्य रूप से स्टॉक ब्रोकर दो प्रकार के होते हैं – 1.फुल सर्विस ब्रोकर 2.डिस्काउंट ब्रोकर।
फुल सर्विस ब्रोकर:
ये ब्रोकर कई तरह की सेवाएँ प्रदान करते हैं, जिसमें शेयर खरीदना और बेचना, निवेश सलाह प्रदान करना और पोर्टफोलियो मैनेज करना शामिल है। वे आम तौर पर ज्यादा फीस चार्ज करते हैं , लेकिन उन निवेशकों के लिए एक अच्छा ऑप्शन हो सकते हैं जिन्हें शेयर मार्केट के बारे में जरा जानकारी नहीं हैऔर एक अधिक मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है।
डिस्काउंट ब्रोकर:
डिस्काउंट ब्रोकर अपने निवेशक को सीमित सेवा ही प्रदान करते हैं, जो मुख्य रूप से खरीद और बिक्री के आदेशों को एग्जीक्यूट करने पर ध्यान देते हैं। डिस्काउंट ब्रोकर कम फीस पर काम करते हैं और उन निवेशकों के लिए उपयुक्त हैं जो शेयर मार्केट के बारे में पर्याप्त जानकारी रखते हैं और उनको सिर्फ और सिर्फ एक प्लेटफार्म चाहिए।
स्टॉकब्रोकर को सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (SEBI) के साथ पंजीकृत होता है। स्टॉक ब्रोकर को सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया रेगुलेट करता है।
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए योग्यता – Stock broker eligibility in Hindi
स्टॉप ब्रोकर बनने से पहले आपको 10वीं 12वीं करना बहुत ही जरूरी है इसके अलावा स्टॉकब्रोकर बनने के लिए, आप वित्तीय मार्केट में कोई कोर्स कर सकते हैं। आपका बैकग्राउंड या पढ़ाई कॉमर्स, अकाउंटिंग, इकोनामिक या बिजनेस मैनेजमेंट से होना फायदेमंद हो सकता है।
अगर आपने मास्टर डिग्री और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज कोर्स सर्टिफिकेट प्रोग्राम पूरा किया है तो आप स्टॉक ब्रोकर के लिए योग्य माने जाते हैं। इसके अलावा मार्केट का व्यावहारिक ज्ञान आवश्यक है।
स्टॉक ब्रोकर कैसे बने ? – Stock broker Kaise bane
एक सफल स्टॉकब्रोकर बनने के लिए, आपको फाइनेंशियल मार्केट का ज्ञान होना चाहिए। फाइनेंशियल मार्केट, कॉमर्स, अकाउंटिंग या इकोनामिक में एक कोर्स मददगार हो सकता है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज सर्टिफिकेशन प्रोग्राम भी आपके लिए स्टॉक ब्रोकर बनने में मदद कर सकता है।
स्टॉक ब्रोकर बनने के दो मुख्य रास्ते हैं:
ऑप्शन 1: डिप्लोमा मार्ग
अपनी 12वीं कक्षा की शिक्षा पूरी करें।स्टॉक ब्रोकिंग में डिप्लोमा करें। यह आपको पेशे के लिए आवश्यक मूलभूत ज्ञान से लैस करेगा।
ऑप्शन 2: डिग्री मार्ग
कॉमर्स में अपना ग्रेजुएशन पूरा करें।
स्टॉक मार्केटिंग में विशेषज्ञता के साथ एमबीए करें। यह आपको फाइनेंशियल मार्केट की गहरी समझ प्रदान करेगा।
अतिरिक्त सर्टिफिकेशन:
आप चाहे जो भी रास्ता चुनें, NISM सीरीज VIII (इक्विटी डेरिवेटिव), NISM सीरीज V (नकद मार्केट) और NISM सीरीज VII (मुद्रा डेरिवेटिव) जैसे सर्टिफिकेशन प्राप्त करने से आपकी विश्वसनीयता और नौकरी की संभावनाएं बढ़ सकती हैं।
स्टॉक ब्रोकर बनने की प्रक्रिया – how to become stock broker in hindi
भारत में स्टॉकब्रोकर बनने के तरीके के बारे में यहाँ चरण दिए गए हैं:
1.प्रारंभिक शिक्षा का आधार
अलंकी कोई भी न्यूनतम शिक्षाकी आवश्यकता नहीं है अगर फिर भी पढ़े लिखे हैं तो आपको काफी ज्यादा फायदा हो सकता है –
ऑप्शन 1: डिप्लोमा:
आपको लगभग 12वीं क्लास तक पढ़ना है और 12वीं कक्षा पूरी करके आप स्टॉक मार्केट स्टॉक ब्रोकिंग में आपको डिप्लोमा कर सकते हैं डिप्लोमा करने के बाद आपको स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए ट्रेनिंग करनी है। यह मूलभूत ज्ञान प्रदान करता है।
ऑप्शन 2: डिग्री:
अगर आप 12वीं पास है तो आप डिग्री कर सकते हैंडिग्री आपकी सैलरी कर सकते हैं कोई समस्या नहीं आएगी आप ba ma बीकॉम कर सकते हैं, उसके बाद स्टॉक मार्केटिंग में विशेषज्ञता वाला एमबीए करें। इतना करने से आपके स्टॉक ब्रोकर बनने की योग्यता पूरी हो जाती।
2.सर्टिफिकेशन:
कई सारी बड़ी-बड़ी वित्तीय कंपनी और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट अपने अलग-अलग सर्टिफिकेशन के कार्यक्रम चलाते हैं जिनमें आप इसका लेकर ट्रेनिंग ले सकते हैं जिससे आपकी विश्वसनीयता और नौकरी में संभावना बढ़ती है
- NISM सीरीज VIII: इक्विटी डेरिवेटिव के लिए सर्टिफिकेशन
- NISM सीरीज V: कैश मार्केट के लिए सर्टिफिकेशन
- NISM सीरीज VII: करेंसी डेरिवेटिव के लिए सर्टिफिकेशन
3.अपना रास्ता चुनें:
अगर आपने आवश्यक शिक्षा और सर्टिफिकेशन का कोर्स पूरा कर लिया है उसके बाद आप यह कर सकते हैं:
- नौकरी के लिए आवेदन करें: कोटक सिक्योरिटीज, एंजेल ब्रोकिंग या जीरोधा जैसी स्थापित स्टॉकब्रोकिंग कंपनियों में रोजगार की तलाश करें। अपना एक्सपीरियंस बढ़ाएं और नया-नया ज्ञान अर्जित करें और काम सीखें।
- अपनी खुद की फ्रैंचाइज़ शुरू करें: किसी प्रसिद्ध कंपनी से फ्रैंचाइज़ प्राप्त करें। इससे आप उनके ब्रांड और समर्थन का लाभ उठाते हुए स्वतंत्र रूप से काम कर सकते हैं।
4.आवश्यक स्किल और गुण:
आपको एक सफल स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए निम्नलिखित स्किल और गुण की आवश्यकता होगी
- मार्केट के रुझानों का आकलन करने और मजबूत डिसीजन लेने के लिए मजबूत एनालिसिस स्किल।
- ग्राहकों के साथ बातचीत करने, जटिल वित्तीय अवधारणाओं को समझाने और विश्वास बनाने के लिए इफेक्टिव कम्युनिकेशन स्किल।
- इन्वेस्टिंग स्ट्रेटजी पर ग्राहकों का मार्गदर्शन करने के लिए शेयर मार्केट की गहरी समझ।
- नैतिक मानकों को बनाए रखने और ग्राहकों के हितों को प्राथमिकता देने के लिए ईमानदारी, निष्ठा और सत्यनिष्ठा।
5.वेतन अपेक्षाएँ:
भारत में स्टॉकब्रोकर के लिए शुरुआती वेतन आमतौर पर 20,000 रुपये से 50,000 रुपये प्रति माह तक होता है। शेयर मार्केट में और अधिक एक्सपीरियंस लेने के साथ आप अच्छा प्रदर्शन करने के साथ आप अपने कस्टमर को संतुष्टि के आधार पर प्रोत्साहन और बोनस सहित काफी अधिक कमा सकते हैं।
याद रखें: भारत में स्टॉकब्रोकर को SEBI, Security exchange Board of Indiaके साथ पंजीकृत होना चाहिए, जो प्रतिभूति मार्केट को नियंत्रित करता है।
एक स्टॉकब्रोकर के रूप में एक सफल करियर बनाने के लिए समर्पण, ज्ञान और अच्छे संचार स्किल की आवश्यकता होती है। आपको मार्केट की खबरों और रुझानों से अपडेट रहना होगा। अनुभव और शोध आपको अपने ग्राहकों के लिए सूचित निर्णय लेने में मदद करेंगे।
बिना डिग्री के स्टॉक ब्रोकर कैसे बनें
बिना डिग्री के स्टॉक ब्रोकर बनने का मतलब है आप लगभग 10वीं 12वीं तक पढ़े-लिखे होने चाहिए बिना डिग्री के स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए, आप इन चरणों का पालन कर सकते हैं:
अपनी 12वीं कक्षा की शिक्षा पूरी करें। हालाँकि डिग्री की सख़्त ज़रूरत नहीं है, लेकिन एक ठोस शैक्षिक आधार होना फ़ायदेमंद है।
स्टॉक ब्रोकिंग में डिप्लोमा करें। यह डिप्लोमा आपको स्टॉक ब्रोकिंग में करियर के लिए ज़रूरी बुनियादी ज्ञान और स्किल प्रदान करेगा। कई संस्थान स्टॉक ब्रोकिंग में डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं।
आवश्यक सर्टिफिकेट प्राप्त करें। भारत में स्टॉक ब्रोकर के लिए निम्नलिखित सर्टिफिकेट आवश्यक हैं:
- NISM सीरीज VIII: इक्विटी डेरिवेटिव के लिए सर्टिफिकेशन
- NISM सीरीज V: कैश मार्केट के लिए सर्टिफिकेशन
- NISM सीरीज VII: करेंसी डेरिवेटिव के लिए सर्टिफिकेशन
आपको शेयर मार्केट के बारे में प्रैक्टिकल ज्ञान लेना जरूरी। क्षेत्र में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने के लिए स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी के साथ काम करने पर विचार करें। इससे आपको नौकरी के व्यावहारिक पहलुओं को समझने और अपने स्किल का निर्माण करने में मदद मिलेगी।
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए कौन सा कोर्स करें?
NISM सीरीज VIII: इक्विटी डेरिवेटिव के लिए सर्टिफिकेशन
NISM सीरीज V: कैश मार्केट के लिए सर्टिफिकेशन
NISM सीरीज VII: करेंसी डेरिवेटिव के लिए सर्टिफिकेशन
भारत में स्टॉक ब्रोकर बनने में कितना खर्च आता है?
अगर आप किसी कंपनी के नीचे स्टॉक ब्रोकर बनते हैं तो आपको ज्यादा खर्चा नहीं आता है अगर आप खुद एक स्टॉक ब्रोकर कंपनी की तरह रजिस्टर करना चाहते हैं लगभग 5 लाख से 10 लख रुपए के बीच खर्च आता है
स्टॉक मार्केट ब्रोकर भारत में कितना कमाता है?
प्रॉपर एक स्टॉक ब्रोकर अगर कंपनी ही उसी की है तो वह लगभग 5 से ₹6 लाख रुपये 10 लख रुपए कितना ही पैसा कमा सकता , अगर आप किसी ब्रोकर कंपनी के नीचे एजेंट के तौर पर काम करते हैं तो लगभग सैलरी और इंसेंटिव पर बोनस के द्वारा आप अच्छा पैसा कमा सकते हैं