Mutual Fund Ke Nuksan | Mutual Fund के नुकसान क्या है ? म्युचुअल फंड के 8 बड़े नुकसान

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Mutual fund ke nuksan | म्युचुअल फंड के नुकसान , Mutual fund disadvantage in Hindi – म्युचुअल फंड में जितने अच्छे रिटर्न मिलते हैं और कितना कम रिस्क होता है उतना ही म्युचुअल फंड के नुकसान भी होते हैं जिन्हें जानना जरूरी होता है  जहां म्यूचुअल फंड निवेश पर उच्च रिटर्न प्रदान कर सकते हैं, वहीं म्युचुअल फंड में के सारे पैसे खोने की भी संभावना है। 

क्योंकि म्युचुअल फंड जो सीधे ही मार्केट से जुड़ा हुआ रहता हैऔर मार्केट में कुछ भी हलचल हुई उसका असर सीधे ही आपके म्युचुअल फंड्स में पड़ता है (Mutual fund risk)म्युचुअल फंड में मार्केट रिस्क क्रेडिट रिस्क और गलत मैनेजमेंट, लॉक इन पीरियड, हाय लिक्विडिटी जैसी प्रॉब्लम रहती है। अगर आप भी म्युचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं तो आपको म्युचुअल फंड रिस्क जिनके द्वारा आपको बड़ा नुकसान हो सकता है और किस प्रकार से आपका पूरा निवेश एकदम जीरो हो सकता है जानना जरूरी है 

इसलिए आपको Mutual fund ke nuksan | म्युचुअल फंड के नुकसान , Mutual fund disadvantage in Hindi  के बारे में जानना जरूरी है चलिए जानते हैं विस्तार से 

Mutual fund ke nuksan

Mutual Fund के नुकसान क्या है ? Disadvantage Of Mutual Fund In Hindi

म्युचुअल फंड का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि म्यूचुअल फंड को लोग शेयर मार्केट(Share market) से अलग मानते हैं जबकि ऐसा नहीं है म्युचुअल फंड(Mutual Fund) डायरेक्ट मार्केट से जुड़ा हुआ हैजिसके द्वारा मार्केट में कुछ भी हलचल होती है और मार्केट में डाउनफॉल देखने को मिलता है तो ऐसी हालत में आपका निवेश एकदम जीरो हो सकता है।

आपने किसी भी म्युचुअल फंड टीवी एडवर्टाइज और हर एक म्युचुअल फंडसंस्था को कहते हैं वह सुना होगा (Mutual fund subject to market risk please read all documents Carefully) इसका मतलब होता है कि म्यूचुअल फंड बाजार Risk के अधीन है, कृपया सभी दस्तावेजों को ध्यानपूर्वक पढ़ें। 

इससे हमें पता चलता है कि म्युचुअल फंड भी मार्केट से जुड़े हुए हैं इसलिए निवेश करने से पहले सावधानीपूर्वक अध्ययन करना चाहिए।

Mutual Fund के नुकसान – Mutual fund ke nuksan 

इसके अलावा म्युचुअल फंड में कई प्रकार के नुकसान हैंजो की निम्नलिखित दिए गए हैं 

रिटर्न की कोई गारंटी नहीं:

म्युचुअल फंड में रिटर्न की गारंटी बिल्कुल भी नहीं होती है म्यूचुअल फंड फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह नहीं हैं, जहां आपको अपने निवेश पर रिटर्न की गारंटी दी जाती है। म्युचुअल फंड मार्केट से जुड़ा हुआ होता है म्यूचुअल फंड का प्रदर्शन शेयर बाजार पर निर्भर करता है, जो अस्थिर है। इसलिए, इसकी कोई गारंटी नहीं है कि आप म्यूचुअल फंड में अपने निवेश पर लाभ कमाएंगे।

उच्च व्यय अनुपात / हाय एक्सपेंस रेशों 

म्युचुअल फंड में मैनेज करने के लिए आपको खर्चा देना होता है म्यूचुअल फंड आपके निवेश के प्रबंधन के लिए शुल्क लेते हैं।म्युचुअल फंड रिटर्न में से आपकेम्युचुअल फंड के कुछ चार्ज काट लिए जाते हैं। एक्टिव मैनेज म्युचुअल फंड की तुलना में पैसिव मैनेज म्युचुअल फंड्स में खर्च कम होता है।

एक्ज़िट लोड: 

अगर आप म्युचुअल फंड को एक लंबे समय के लिए निवेश करते हैं अगर आपको जरूरत पड़ती है तो ऐसे में आपको एक्जिट लोड लेना पड़ेगा तो एग्जिट लोड लेने में आपको कुछ चार्ज देना होता है तो इसमें आपको काफी ज्यादा समस्या हो सकती है यदि आप एक निश्चित अवधि के भीतर अपना पैसा निकालते हैं तो कुछ म्यूचुअल फंड एक्ज़िट लोड लेते हैं। एक्जिट लोड लेने के लिए आपको कुछ चार्ज देने पड़ सकते हैंजो कि आपका रिटर्न को कम कर सकते हैं।

लॉक-इन अवधि: 

कुछ म्युचुअल फंड में लॉक इन अवधि होती है मतलब आपको एक निश्चित समय के लिए पैसे जमा करने होते हैंकुछ म्यूचुअल फंड में लॉक-इन अवधि होती है, जिसका अर्थ है कि आप एक निश्चित अवधि के लिए अपना पैसा नहीं निकाल सकते हैं।

जैसे की ELSS FUND कोई इमरजेंसी के लिए आपके पैसे निकालने हैं तो आपको चार्ज देना होगा और आपको किसी आपात स्थिति के लिए अपने पैसे का उपयोग करने की आवश्यकता हो तो यह एक नुकसान हो सकता है।

लगने वाला टैक्स 

म्युचुअल फंड इनकम टैक्स के अधीन आते हैं अर्थात अगर आप म्युचुअल फंड से कुछ भी इनकम कमाते हैं या कुछ भी आपको फायदा होता है तो उसे पर आपको इनकम टैक्स देना होता है हालांकि कुछ म्युचुअल फंड्स में इनकम टैक्स में छूट होती है इनकम टैक्स अधिनियम 80C के तहत।

नियंत्रण न होना 

म्युचुअल फंड्स में आप किसी प्रकार से कोई भी नियंत्रण नहीं कर सकते हैं जब आप म्युचुअल फंड में निवेश करते हैं तब आप अपने पैसे को म्युचुअल फंड हाउस या कंपनी को देते हैं तो आपके निवेश निर्णय फंड मैनेजर लेते हैं। यदि आप अपने पैसे के निवेश के तरीके पर अधिक नियंत्रण रखना चाहते हैं तो यह एक नुकसान हो सकता है।

गलत योजना का चुनाव 

कई बार हम किसी की बातों में आकर या एडवर्टाइज को देखकर या किसी भी बड़े-बड़े इंस्टाग्राम और यूट्यूब के इनफ्लुएंस में आकर गलत योजना का चुनाव कर लेते हैं जिससे हमें आगे चलकर काफी ज्यादा नुकसान होता है। 

डायरेक्ट निवेश नहीं 

म्युचुअल फंड में आप डायरेक्ट तरीके से इन्वेस्ट नहीं कर सकते हैं आपको म्युचुअल फंड में निवेश करने के लिए किसी में किसी म्युचुअल फंड हाउसों का चुनाव करना होगा या किसी भी ब्रोकरेज कंपनी के द्वारा आप म्युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। इस प्रकार से इसमें आप डायरेक्ट निवेश नहीं कर सकते हैं 

म्युचुअल फंड से जुड़े हुए रिस्क | Mutual fund risk in Hindi

म्यूचुअल फंड में निवेश से जुड़े कई Risk हैं। कुछ प्रमुख Risk में शामिल हैं:

बाज़ार Risk

म्यूचुअल फंड का मूल्य नीचे भी जा सकता है और ऊपर भी। ऐसा इसलिए है क्योंकि म्यूचुअल फंड स्टॉक, बॉन्ड और अन्य परिसंपत्तियों में निवेश किए जाते हैं जो बाजार में उतार-चढ़ाव के अधीन होते हैं।

तरलता Risk 

म्यूचुअल फंड अन्य निवेशों जैसे नकदी या बचत खाते की तरह तरल नहीं हो सकते हैं। इसका मतलब यह है कि यदि आपको अपने पैसे का उपयोग करने की आवश्यकता है तो अपने म्यूचुअल फंड शेयरों को जल्दी से बेचना मुश्किल हो सकता है।

क्रेडिट Risk

 बांड में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड क्रेडिट Risk के संपर्क में आते हैं। यह Risk है कि बांड जारीकर्ता अपने भुगतान में चूक करता है।

ब्याज दर Risk 

बांड में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड भी ब्याज दर Risk के संपर्क में आते हैं। यह Risk है कि ब्याज दरें बढ़ेंगी, जिससे बांड का मूल्य गिर सकता है।

प्रबंधक Risk 

म्यूचुअल फंड का प्रबंधन फंड प्रबंधकों द्वारा किया जाता है। म्यूचुअल फंड का प्रदर्शन फंड मैनेजर के कौशल और अनुभव पर निर्भर हो सकता है। अगर आपका फंड किसीचलते फिरते फंड मैनेजर ने मैनेज किया है तो आपको नुकसान हो सकता है 

कर Risk

 म्यूचुअल फंड रिटर्न आयकर के अधीन हैं। आप जिस प्रकार का कर चुकाते हैं वह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस प्रकार के म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं।

मैं म्यूचुअल फंड में निवेश के Risk को कैसे कम कर सकता हूं?

म्यूचुअल फंड में निवेश के Risk को कम करने के लिए आप कुछ चीजें कर सकते हैं:

अपने निवेश में विविधता लाएं:

 विभिन्न प्रकार के म्यूचुअल फंड में निवेश करके, आप किसी एक विशेष Risk के प्रति अपने Risk को कम कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, आप उन फंडों में निवेश कर सकते हैं जो विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों, जैसे स्टॉक, बॉन्ड और कमोडिटी में निवेश करते हैं। आप विभिन्न निवेश शैलियों वाले फंडों में भी निवेश कर सकते हैं, जैसे ग्रोथ फंड, वैल्यू फंड और इनकम फंड।

लंबी अवधि के लिए निवेश करें: 

म्यूचुअल फंड लंबी अवधि के लिए रखे जाने चाहिए। इससे आपको बाज़ार के उतार-चढ़ाव से निपटने में मदद मिलेगी और नुकसान का Risk कम होगा।

अपना शोध करें: 

म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले, अपना शोध अवश्य करें और फंड के निवेश उद्देश्य, Risk प्रोफ़ाइल और प्रदर्शन इतिहास को समझें। आपको फंड से जुड़ी फीस को भी समझना चाहिए।

वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें: 

यदि आप निवेश करने में नए हैं या यदि आप निश्चित नहीं हैं कि म्यूचुअल फंड में निवेश के Risk को कैसे कम किया जाए, तो आप वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना चाह सकते हैं। एक वित्तीय सलाहकार आपको एक विविध निवेश पोर्टफोलियो विकसित करने में मदद कर सकता है जो आपकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं और Risk सहनशीलता के अनुरूप है।

म्यूचुअल फंड में पैसा डूब जाता है क्या?

हां, म्युचुअल फंड मार्केट रिस्क से जुड़ा हुआ होता है इसलिए म्युचुअल फंड में आपका पैसा डूब सकता है

क्या सिप में नुकसान होने की कोई संभावना है?

हां अगर आप बिना रिसर्च के किसी के कहने पर भी शुरुआत कर रहे हैं तो आपको नुकसान हो सकता है

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