बुक वैल्यू का मतलब किसी कंपनी की इक्विटी का मूल्य होता है जो उसके बुक्स का अकाउंट (बैलेंस शीट) के अनुसार है। इसकी कैलकुलेशन मूर्त संपत्तियों से देनदारियों को घटाकर की जाती है। प्रति शेयर बुक वैल्यू की कैलकुलेशन (मूर्त संपत्ति – देनदारियां) / बकाया शेयरों की संख्या के रूप में की जाती है।
बुक वैल्यू किसी भी कंपनी के Share(शेयर ) की असली कीमत होती है। अगर कंपनी नुकसान में चली जाए तो कंपनी को बेचकर और उसकी पूरी संपत्ति को बेचकर सभी देनदारी को चुकाने के बाद कितनी संपत्ति बचेगी यह Book Value पर निर्भर करता है। शेयर मार्केट में सभी कंपनियों के Share(शेयर ) आमतौर पर Book Value से Premium Price पर ही ट्रेड करते है।
जैसे के उदाहरण के लिए : – उदाहरण के लिए मान लीजिए टाटा का एक Share(शेयर ) ₹1100 अभी ट्रेड कर रहा है और उसे टाटा के Share(शेयर ) की बुक वैल्यू ₹500 है। जिसका अर्थ यह हुआ की अगर आज कंपनी बंद हो जाये तो कंपनी के पास उसके प्रति एक शेयर के बदले 500 रुपये होंगे।
अगर आप भी शेयर मार्केट में निवेश करते हैं तो आपको Book value, face value, dividend जैसे महत्वपूर्ण शब्दावली को जानना जरूरी हैतो चलिए जानते हैं की बुक वैल्यू क्या है – Book value meaning in Hindi, बुक वैल्यू का महत्व क्या होता है बुक वैल्यू कैसे निकाले।
Book value क्या है ? – Book value meaning in Hindi
बुक वैल्यू का हिंदी अर्थ कंपनी की परिसंपत्तियों की टोटल वैल्यू होती है। किसी भी कंपनी की पूरी परिसंपत्तियों की वैल्यू कितनी है यह बुक वैल्यू कहलाती है, किसी भी Share(शेयर) के बुक वैल्यू को हम शेयर होल्डर फंड या इक्विटी(equity) कह सकते हैं
सिंपल शब्दों में कहा जाए तो कंपनी के वही खातों में स्थित कंपनी की वह Value जब किसी कंपनी को बंद करने की नौबत आए उस स्थिति में यदि कंपनी को बेच कर सारी देनदारी या कर्ज की भरपाई करके जितना रुपया बचता है उसे उस कंपनी की Book value कहते हैं।
बुक वैल्यू की गणना कैसे करें – Book value calculation kaise kare
बुक वैल्यू गाना कैसे करें चलिए जानते हैं
उदाहरण के लिए मान लीजिए कोई कंपनी है जो ₹10 के हिसाब से 1 लाख शेयर मार्केट में उतरती है इस प्रकार सेउसे कंपनी का मार्केट कैपिटल हो जाता है 10 लख रुपए।
आगे चलकर उसे कंपनी को ₹5 लख रुपए का फायदा हो जाता है, यह ₹500000 का फायदा आगे चलकर रिजर्वकैपिटल में जमा हो जाता है इस प्रकार से कंपनी का मार्केट कैपिटल 15 लख रुपए हो जाता है
इस प्रकार से हम कह सकते हैं की बुक वैल्यू निकालने की प्रक्रिया।
1500000/100000 = ₹15
अतः ₹15 उस कंपनी के शेयर की बुक वैल्यू प्राप्त हो जाती है
अगर आप बुक वैल्यू निकालना चाहते हैं तो आप नेशनल स्टॉक एक्सचें (NSE) या मुंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) यह किसी भी विश्वसनीय वेबसाइट पर जाकर चेक कर सकते हैं
Book value Calculation formula In Hindi – बुक वैल्यू कैसे निकाले
किसी भी कंपनी की बुक वैल्यू निकालने के लिए हम उस कंपनी की संपूर्ण कैपिटल और जनरल रिजर्व को जोड़कर उसके द्वारा जारी किए गए सभी शेयर्स से उस मूल्य में भाग लगाकर बुक वैल्यू प्राप्त कर सकते हैं
Book value calculation formula –
Book value = Equity share + general reserve / Total numbers of share
(Book value per share) Bvps ratio In Hindi –
Bvps ratio को Book Value per share के नाम से भी जाना जाता है यह अक्सर कंपनी के शेयर की मार्केट वैल्यू को बुक वैल्यू से विभाजित करके निकाला जाता है
BVPS (Book Value Per Share)
किसी शेयर की वर्तमान मार्किट प्राइस और बुक वैल्यू के बीच के आनुपातिक अंतर को BVPS कहते है। शेयर की बुक वैल्यू का वर्तमान मार्किट प्राइस से तुलना कर यह अंदाज़ा लगाया जा सकता है की वह शेयर अपने वास्तविक मूल्य से कितना Discount या Premium में ख़रीदा – बेचा जा रहा है।
जब शेयर की मार्किट प्राइस में बुक वैल्यू का भाग दिया जाता है तो जो राशि निकल कर आती है उसे BVPS (Book Value Per Share) कहते है।
उदाहरण के लिये अगर Reliance के एक शेयर की वर्तमान मार्किट प्राइस 1170 रुपये है और बुक वैल्यू 639 रुपये है तो उसका BVPS (1170 / 639)= 1.8309 होगा।
क्या होगा अगर बुक वैल्यू शेयर प्राइस से ज्यादा है?
अगर किसी भी कंपनी के Share(शेयर ) की बुक वैल्यू उसकी शेयर प्राइस से ज्यादा है तो इसका अर्थ है कि Share(शेयर ) के कीमत को कम आंका गया है। यह मूल्य निवेश का मूल सिद्धांत है।
चूँकि Share(शेयर ) का कीमत कम आंका गया है इसलिए आप इसमें पैसा इन्वेस्ट कर सकते हैं और ज्यादा से ज्यादा खरीद सकते हैं। इसलिए जब कंपनी का मूल्य बढ़ता है, तो आप काफी ज्यादा लाभ और फायदा कमा सकते हैं।
Benefits of book value in Hindi – Book value के फायदे क्या है
बुक वैल्यू ज्यादा होने से आप लोगों को और इन्वेस्टर्स और ट्रेडिंग(Trading)करने वाले लोगों को काफी ज्यादा फायदा होता है बुक वैल्यू ज्यादा होने के कारणअच्छा डिविडेंड प्राप्त होता है और बोनस शेयर भी प्राप्त कर सकते हैं।
बुक वैल्यू का मतलब क्या होता है?
बुक वैल्यू किसी भी कंपनी के Share(शेयर ) की असली कीमत होती है , बुक वैल्यू अर्थात कंपनी की कुल परिसंपत्तियों और उसके देनदारी के बीच अंतर होती है
बुक वैल्यू कैसे चेक करें?
बुक वैल्यू को चेक करने के लिए आप कंपनी के Physical assets से उसकी देनदारियों (लायबिलिटी) को घटाकर कुल शेयरों से भाग दिया जाता है
क्या बुक वैल्यू शेयरधारकों की इक्विटी के समान है?
बुक वैल्यू किसी भी कंपनी की अंकित मूल्य होती है जो उसकेवही खातों में दर्ज होती है, जबकि इक्विटी संपूर्ण परिसंपत्ति से देनदारियां घटकर निकल गई वैल्यू होती है।