Share market me use hone wale words – शेयर मार्केट में प्रयोग होने वाले शब्द, 60 शब्दों के बारे में जानिए

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शेयर मार्केट में निवेश शुरू करने से पहले आपको शेयर मार्केट में उपयोग होने वाले शब्दों की जानकारी अच्छी तरह से होनी चाहिए जिससे आपको शेयर मार्केट में निवेश करने में किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा यदि आप शेयर मार्केट में उपयोग होने वाले शब्दों को जान गए तो आपको शेयर मार्केट को जाने में कोई भी प्रॉब्लम नहीं होगी |

इस आर्टिकल की सहायता से शेयर मार्केट में उपयोग होने वाले शब्दों (share market vocabulary in hindi ) के बारे में अच्छी तरह से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और अपनी इन्वेस्टिंग की जर्नी की शुरुआत इस आर्टिकल को पढ़ने के साथ कर सकते हैं जो आपको काफी मददगार साबित होगी |

विषय सूची

शेयर मार्केट में प्रयोग होने वाले शब्द – share market me use hone wale words in hindi 

 

1. Investing : – इन्वेस्टिंग क्या है

किसी भी शेयर के अंदर लंबे समय के लिए खरीदते हैं तो और प्रॉफिट होने पर उसे बेच देते हैं तो इसे इन्वेस्टिंग कहते हैं इन्वेस्टिंग हम लंबे समय के लिए करते हैं प्रॉफिटेबल शेयर में |

2.Fundamental Analysis  – फंडामेंटल एनालिसिस क्या है ?

जब हम किसी शेयर को खरीदते हैं तो खरीदने से पहले शेयर से संबंधित जानकारी हासिल करते हैं इस प्रक्रिया को फंडामेंटल एनालिसिस कहते हैं |  अर्थात शेयर ढूंढ़ने की प्रक्रिया के दौरान जो एनालिसिस किया जाता है उसे Fundamental Analysis कहते है। 

3.Cash Flow Statement – कैश फ्लो स्टेटमेंट क्या है ?

कैश फ्लो स्टेटमेंट की सहायता से हमें यह पता चलता है कि कंपनी में कितना पैसा आ रहा है और कितना पैसा खर्च किया जा रहा है | कैश फ्लो स्टेटमेंट कंपनी का पूरा पैसे से संबंधित ब्योरा बताता है |

4.Balance Sheet – बैलेंस शीट क्या है?

किसी भी कंपनी के Asset (सम्पति) और Liabilities (दाईत्व) के बारे में बैलेंस शीट बताता है |

5.Profit And Loss Statement : – प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट क्या है ?

P&L Statement की सहायता से यह पता लगाया जा सकता है कि कंपनी लॉस में है या प्रॉफिट में , इसके अलावा हम प्रॉफिट और लॉस के पीछे के कारण भी जा सकते हैं |

6.Asset : – असेट्स क्या होते हैं? 

कंपनी को जिस वस्तु या प्रॉपर्टी की सहायता से प्रॉफिट पहुंचता है वह उस कंपनी का Asset होता है | जैसे : Land , Machinery , Stocks , Goodwill , Furniture etc. 

7.Business Day : – बिजनेस day क्या होता है

शेयर मार्केट सोमवार से शुक्रवार तक खुला रहता है और इन दिनों के बीच ट्रेडिंग की जाती है तो इन दोनों को  Business Day कहते हैं | बिजनेस Day में छुट्टी शामिल नहीं होती |

8.Brokerage Firm : – ब्रोकरेज फॉर्म क्या होती है

किसी भी कंपनी के share को खरीदने और बेचने के लिए जो प्लेटफार्म उपलब्ध करवाता है उसे हम ब्रोकरेज फर्म कहते हैं यह विभिन्न प्रकार की होती है जैसे गो ऑफ स्टॉक आइसीआइसीआइ सिक्योरिटी कोटक सिक्योरिटी इस जीरोधा इत्यादि

9.Dividend : – डिविडेंड क्या होता है? 

जब हम किसी कंपनी के शेयर खरीदने हैं तो उसे कंपनी को सालाना अतिरिक्त लाभ होने पर वह अतिरिक्त लाभ के एक हिस्से को अपने शेयर धारको में डिविडेंड(Dividend )के रूप में बांटती है |

10.Face Value : – फेस वैल्यू क्या होती है? 

कंपनी के द्वारा पहली बार अपनी कुल पूंजी को टोटल शेयर में बनती है तो जो एक शेयर का वैल्यू निकाल कर आता है उसे फेस वैल्यू कहते हैं और फेस वैल्यू हमेशा फिक्स होती है |

11.Delivery : – शेयर मार्केट में डिलीवरी क्या है

जब हम किसी भी शेर को एक दिन से ज्यादा Hold करते हैं तो इस होल्ड करने को डिलीवरी लेना कहते हैं और डिलीवरी लिए हुए शेयर को हम जितना चाहे उतने दिन होल्ड कर सकते हैं | 

12.Listed Stock : – लिस्टेड स्टॉक क्या होता है?

जब हम किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने हैं तो वह कंपनी उस स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड होती है और उसे लिस्टेड कंपनी का स्टॉक लिस्टेड स्टॉक कहलाता है |

13.Dividend Yield : – डिविडेंड यील्ड क्या होता है? 

जब कंपनी के द्वारा अतिरिक्त लाभ का कुछ हिस्सा शेयरधारकों में डिविडेंड के रूप में बांटा जाता है तो उसे कंपनी का डिविडेंड अन्य कंपनी के डिविडेंड के साथ तुलना करते हैं की कौन सी कंपनी अच्छा डिविडेंड दे रही हैतो उसे डिविडेंड यील्ड कहते हैं | डिविडेंड यील्ड का मतलब तुलना होती है जो किसी दूसरे कंपनी के साथ में किया जाता है |

14.Holdings : – होल्डिंग क्या होता है 

जब हम किसी भी शेर को 1 दिन से अधिक के लिए रखते हैं उसे शेयर को होल्ड करना कहते हैं और इस प्रक्रिया को होल्डिंग्स कहते हैं | 

15.Collateral : – कॉलेटरल क्या होता है? 

Collateral गिरवी रखी गयी वस्तु को कहते है। 

16.Liquidity :- लिक्विडिटी क्या है?

जब खरीदने वाले ज्यादा हो तो शेयर का प्राइस बढ़ता है और यदि खरीदने वाले कम है तो शेयर का प्राइस कम होता है यदि शेयर के Buyers और Sellers पर्याप्त रूप में हो तो उसे लिक्विडिटी कहते हैं |

17.Averaging :- एवरेजिंग क्या है? 

पोर्टफोलिओ में शामिल कोई शेयर जब गिरने लगे तो हर गिरावट पर उस शेयर को Buy करके Average करना Averaging कहलाता है।  

18.ETF (Exchange Traded Fund) : ETF क्या है

एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) बहुत सारे निवेश फंड का एक संग्रह होता है जो एक इंडेक्स को ट्रैक करता है  ईटीएफ, बहुत सारे स्टॉक का एक संग्रह हो सकता है या बहुत सारे कमोडिटी का एक संग्रह हो सकता है। ईटीएफ को ट्रेड करना बहुत ही आसान होता है Stock Exchange पर | ETF अपना पैसा किसी Specific Asset Class में निवेश करता है। 

19.Sector :

विशेष क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों को सेक्टर कहते हैं | एक ही सेक्टर में कई सारी कंपनी हो सकती है जैसे – टेलीकॉम सेक्टर में जियो ,एयरटेल और वोडाफोन आइडिया कंपनी है | 

20.Annual Report : – एनुअल रिपोर्ट क्या होती है? 

वित्तीय वर्ष के अंत में सभी कंपनियों के द्वारा एक रिपोर्ट जारी की जाती है जिसकी सहायता से कंपनी कि भविष्य की विस्तृत रूप से  योजनाएं बनाई जाती है उसे एनुअल रिपोर्ट कहते हैं | 

21.Auditor : – ऑडिटर क्या है?

ऑडिटर की सहायता से किसी भी कंपनी के फाइनेंशियल स्टेटमेंट की सत्ता को प्रमाणित किया जाता है ऑडिटर कोई व्यक्ति या फर्म भी हो सकती है |

22.Capital : – कैपिटल क्या है?

किसी भी व्यापार को शुरू करने में जो पैसा या धन या पूंजी लगाई जाती है उसे मार्केट की भाषा में कैपिटल कहा जाता है । 

23. Diversification : – डायवर्सिफिकेशन क्या है

वह पैसे जो शेयर बाजार में निवेश करने है उसे अपनी Risk लेने की क्षमता के अनुसार अलग-अलग Stocks, Sector, Mutual fund etc. में निवेश करना Diversification कहलाता है Diversification से जोखिम कम होता है 

24.Alfa:

तुलना किये जाने वाले इंडेक्स से जो अतिरिक्त Return मिलता है उसे Alfa कहते है उदाहरण: मान लीजिये Nifty ने 1 साल में 10% Return कमा के दिया लेकिन अगर आपका पोर्टफोलियो 12% का Return कमा लेता है तो इस अतिरिक्त 2% को Alfa कहते है।  

25.Beta:

बीटा मार्किट के किसी एक Index या Share की तुलना में किसी दूसरे Index या Share की Responsiveness बताता है   

26.Debt :

स्टॉक मार्किट में कोई भी कंपनी अपने बिज़नेस को और ज्यादा आगे बढ़ाने के लिए जो लोन लेती है उसे Debt कहते है। 

27.Promoter :

किसी कंपनी के वह शीर्ष पद्धाधीकारी जिन्होंने कंपनी के अंदर पैसा लगाया है जो कंपनी को चलाने से सम्बंधित सभी निर्णय लेते है उन्हें Promoter कहते है।  

28.Book Value :

बुक वैल्यू किसी शेयर की वह मिनिमम वैल्यू होती जो किसी शेयर को बेचने पर आराम से मिल सकती है मान लीजिये की अगर कोई शेयर 100 रुपये पर ट्रेड कर रहा है और उसकी बुक वैल्यू 70 रुपये है तो उस शेयर को 70 रुपये पर किसी भी दिन बेच सकते है आम तौर पर किसी भी शेयर की कीमत उसके बुक वैल्यू से ज्यादा में ही खरीदी या बेचीं जाती है। 

29.Operating Profit :

कच्चा माल और माल को बनाकर बेचने तक के सभी खर्चे निकलने पर जो प्रॉफिट बचता है उसे Operating Profit कहते है। 

30.Profit Before Tax :

जो Operating Profit निकल के आया उसमें से Interest, Depreciation निकालने के बाद जो प्रॉफिट बचता है उसे Profit Before Tax कहते है। 

31.Net Profit :

Profit Before Tax में से Tax निकाल देने पर जो प्रॉफिट निकल कर आता है उसे Net Profit कहते है। 

32.Net Sales :

एक कंपनी ने पुरे वित्तीय वर्ष में जीतनी भी Sales करी है उसमें से Sales Return (जो माल वापस आ गया हो), डिस्काउंट और किसी भी तरह का Allowance जो दिया गया हो उसे घटा देने पर जो Sales निकल कर आती है उसे Net Sales कहते है। 

33. CAGR : CAGR क्या है?  

कोई कंपनी अपनी शुरुआत से लेकर अब तक किस Rate से Grow हुई है उसे बताने के लिए CAGR Term का उपयोग किया जाता है उदाहरण के लिए अगर कोई कंपनी पिछले 7 सालों में 150% बढ़ी हो तो हम यह कहेंगे की यह कंपनी हर वर्ष औसतन 13.939% की दर से बढ़ी है इसे ही CAGR (Compound Annual Growth Rate) कहते है। 

34.Equity : इक्विटी क्या है?

इक्विटी का मूल अर्थ किसी कंपनी में हिस्सेदारी या मालिकाना हक़ होता है , अगर आप किसी भी कंपनी के शेर को खरीदने हैं तो आप उसके बराबर मालिकाना हक प्राप्त करते हैं

35.Share Capital : 

कंपनी ने मार्किट से पैसा उठाने के लिए जीतने भी शेयर जारी किये है उन सभी शेयर्स को शेयर की प्राइस से गुना करने पर जो पूंजी निकल कर आती है उसे Share Capital कहते है। 

36. Reserve And Surplus :

जब भी किसी कंपनी को प्रॉफिट होता है तो उस प्रॉफिट का एक हिस्सा कंपनी निकालकर एक अलग अकाउंट में जमा कर देती है और भविष्य में जब भी कंपनी को उस पैसे की जरुरत हो उसे निकाल कंपनी के उपयोग के लिए काम में ले लेती है इस पैसे को Reserve And Surplus कहा जाता है। 

37.Liabilities :

वह सभी कार्य जिसके लिए कंपनी को वर्तमान में या भविष्य में खर्चा करना होता है उन सभी खर्चो को कंपनी की Liability(दायित्व) माना जाता है। 

38. Creditor :

वो सभी लोग जिनको किसी न किसी कार्य के बदले कंपनी से पैसे लेने है वो सभी लोग कंपनी के लिए लेनदार है। 

39. Debtor :

वो सभी लोग जिनको किसी न किसी कार्य या सेवा के बदले कंपनी को पैसे देने है वो सभी लोग कंपनी के लिए देनदार है। 

40.Short Term Investing :

जब 1 साल से कम समय के लिए स्टॉक मार्किट में Investment किया जाता है तो इसे Short Term Investment कहते है। 

41. Long Term Investing :

जब 1 साल से ज्यादा समय के लिए स्टॉक मार्किट में Investment किया जाता है तो इसे Long Term Investment कहते है। 

42. NCLT :

NCLT का अर्थ होता है National Company Law Tribunal जब किसी कंपनी का कंपनी के साथ या कंपनी का शेयर धारक के साथ कोई विवाद हो जाये तो ऐसे विवादों का निपटारा NCLT करती है  

43. Share Holder :

अगर किसी इन्वेस्टर ने किसी कंपनी का एक भी शेयर खरीद रखा हो तो वह उस कंपनी का Share Holder (शेयर धारक) होता है 

44. Public Float (Free Float) :

किसी कंपनी के कुल शेयर्स का वो हिस्सा जो कंपनी के प्रमोटर के पास नहीं होता है बल्कि आम पब्लिक शेयर होल्डर के पास होता है ऐसे शेयर्स को Public Float या Free Float कहते है। 

45. Depreciation :

वे सभी Asset जिनकी कीमत एक निश्चित समय के बाद कीमत घटती चली जाती है ऐसे घाटे को Depreciation कहते है। 

46. Goodwill :

कम्पनी की ब्रांड वैल्यू को ही Goodwill कहते है भारत में TATA की ब्रांड वैल्यू सबसे अच्छी है। 

47. Undervalued (discount rate stock) :

ऐसे Stocks जो वर्तमान में कम Price में मिल रहे हो और भविष्य में एक अच्छा लाभ देने की क्षमता रखते हो ऐसे Stocks को Undervalued  Stocks कहते है। 

48. Overvalued (premium rate stock) :

ऐसे Stocks जो वर्तमान में जिस Price में ट्रेड हो रहे हो वह कंपनी की आर्थिक स्थति के हिसाब से सही न हो ऐसे Stocks को Overvalued Stocks कहते है। 

49. T+2 Days :

भारतीय शेयर बाजार में ख़रीदे हुये शेयर की डिलीवरी मिलने में तीन दिन लग जाते है जिसमें T का अर्थ है Trading Day और बाकि 2 दिन Extra लग जाते है 

50. Convertible Securities :

ये ऐसी Securities होती है जिनको एक निश्चित समय के बाद Bonds to Stock या Stocks to Bond में कन्वर्ट किया जा सकता है।

51. Bull Market :

जब शेयर मार्केट अच्छा परफॉर्म करें और एक नई ऊंचाई को प्राप्त कर रहा है तब उसे बुल मार्केट कहा जाता है |

52. Bear Market :

जब शेयर मार्केट काफी ज्यादा नुकसान में जा रहा है और काफी नीचे की और अगर सर हो रहा है तो ऐसे हालात को बियर मार्केट कहा जाता है |

53. Short Selling :

शॉर्ट सेलिंग का अर्थ जब मार्केट Down चल रहा होता है तो इन्वेस्टर को फायदा होता है यह इन्वेस्टर के द्वारा किए जाने वाले अटकलें पर आधारित है | कोई भी इन्वेस्टर फर्म या ब्रोकर की सहायता से शेयर को उधार लेता है और यदि शेयर में हानि या लाभ होने पर उसे वापस खरीदने के उद्देश्य से किसी को भेज सकता है इस प्रकार की सेलिंग को शॉर्ट सेलिंग कहते हैं |

54. Growth Stock : 

ऐसे शेयर या स्टॉक जिनका भविष्य काफी अच्छा हो अर्थात में भविष्य में काफी महंगे होने वाले हो इस प्रकार के शेयर को ग्रोथ स्टॉक कहते हैं | इस प्रकार के शेयर भविष्य में अच्छा प्रदर्शन करते हैं |

55. BSE :

BSE का फुल फॉर्म बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज(Mumbai Stock Exchange )है | मुंबई स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है जिसकी स्थापना 1875 में की गई थी आज यह 150 साल से ज्यादासमय से स्थापित है इस एक्सचेंज के ऊपर लगभग 6000 से ज्यादा कंपनियां लिस्टेड है |

56. NSE :

NSE का फुल फॉर्म नेशनल स्टॉक एक्सचेंज है इस स्टॉक एक्सचेंज को 1992 में प्रारंभ किया गया | नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange) भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है और यह आधुनिकतम मशीनी ट्रेडिंग सिस्टम से परिपूर्ण है आज के समय नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर 2000 से ज्यादा कंपनियां लिस्ट है

57. Nifty 50 :

यह एक प्रकार का सूचकांक है जिसके अंदर 50 कंपनियां लिस्टेड है निफ्टी 50 नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का बाजार सूचकांक है यह NSE का सूचकांक है 50 कंपनियां लिस्टेड होने के कारण इन्हें Nifty 50 कहा जाता है |

58.सेंसेक्स या सेंसेक्स 30 :

यह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक है जिसके अंदर30 कंपनियां लिस्टेड होती है जो टॉप 30 कंपनी होती है जो अच्छा Grow कर रही होती है |

59.ब्लू चिप स्टॉक :

ऐसे स्टॉक जिनकी कीमत बहुत कम हो और जिनका बहुत भविष्य में ग्रोथ बहुत होने वाला हो अर्थात जिनका प्रदर्शनभविष्य में अच्छा हो ऐसे Share को ब्लूचिप स्टॉक कहते हैं |

60.इंडेक्स या सूचकांक :

सूचकांक ऐसे स्टॉक को सूचीबद्ध करता है जिनका मार्केट में प्रदर्शन काफी अच्छा चल रहा होता है पीछे पिछले तीन महीना में | इंडेक्स मार्केट को ट्रैक करने का एक इंडिकेटर भी मान सकते हैं | 

ऊपर दिए गए 60 महत्वपूर्ण शेयर मार्केट की शब्दलीयों को पढ़कर आपको शेयर मार्केट को जानने में सहायता मिली होगी आप इन शब्दों की सहायता से शेयर मार्केट केअलग-अलग टर्म समझे होंगे | 

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